शफी उस्मानी
डेस्क: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को क्लीन चिट देने के साथ ही, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अब दावा किया है कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) मामले में उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और भतीजे रोहित पवार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ईओडब्ल्यू ने क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि बैंक को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है और अब तक बैंक ने दिए गए कर्ज से 1,343.41 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है। बता दें कि मामला 2019 का है जब बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया था। मामला इस आरोप से संबंधित है कि एमएससीबी द्वारा उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना चीनी मिलों को ऋण दिया गया था।
वहीं, क्लोजर रिपोर्ट का सीधा असर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े मामले पर पड़ता है, जिसमें एजेंसी अब तक दो आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। ईडी ने ईओडब्ल्यू के मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए एक अलग अपराध दर्ज किया था।
ईडी के आरोप पत्र में अजित पवार के अलावा शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के विधायक प्राजक्त तनपुरे का भी नाम है। ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज किए बुनियादी अपराध के अभाव में, ईडी अपनी जांच जारी नहीं रख सकती है। इससे पहले, मार्च में जब मामला सुनवाई के लिए आया था तो ईओडब्ल्यू ने दावा किया था कि ‘तथ्यों की गलती के कारण’ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।
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