तारिक़ आजमी
डेस्क: कल भारतीय समय अनुसार देर रात ईरान ने इसराइल पर ज़बरदस्त हमला किया। हमला इतना ही ज़बरदस्त था कि भले इसराइल हमले को नाकाम करने की बात कहे मगर नुकसान इसराइल के परमाणु संयंत्र के आसपास होने की जानकारी इसराइली मीडिया के हवाले से अल जजीरा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि विदेशी राजनयिकों के साथ मुलाक़ात के दौरान ईरान ने अमेरिका को भी इसराइल के ख़िलाफ़ हमले के बारे में सूचना दी थी और बताया था कि ये ‘सीमित’ हमला होगा और इसका उद्देश्य आत्मरक्षा है। इसराइल अमेरिका की मदद से ईरान के हमले के बारे में तैयारी कर चुका था। उसे पहले से इसकी जानकारी मिली थी और इसराइल और अमेरिका के उन्नत रक्षा सिस्टम पहले से ही इसके लिए तैनात थे। सीरिया ने अपनी जमीन से हवा में मार करने वाली रक्षा प्रणालियों को राजधानी, प्रमुख ठिकानों पर हाई अलर्ट पर रखा था।
इस सम्बन्ध में रॉयटर्स ने सेना के सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी कि सीरिया ने इजरायली हमलों की स्थिति में अपनी रूसी निर्मित पैंटिर जमीन से हवा में मार करने वाली रक्षा प्रणालियों को राजधानी दमिश्क और प्रमुख ठिकानों के आसपास हाई अलर्ट पर रखा हुआ है। सूत्रों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इजराइल ईरान के किसी भी हमले का जवाब सैन्य ठिकानों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर देगा जहां ईरान समर्थक मिलिशिया स्थित हैं।
आईआरजीसी ने एक बयान जारी किया है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने एक बयान जारी कर कहा था कि ‘हमने सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाने के ज़ायोनी इकाई के अपराध के जवाब में ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके एक ऑपरेशन शुरू किया। कब्जे वाले क्षेत्रों में विशिष्ट लक्ष्यों पर हमला करने के लिए दर्जनों मिसाइलों और ड्रोनों के साथ ऑपरेशन चलाया गया।‘
इस बीच कल जारी बयान में व्हाइट हाउस का कहना था कि ईरान ने इजराइल के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। वाशिंगटन का कहना था कि ईरान ने इजराइल के खिलाफ हवाई हमला शुरू कर दिया है जिसके कई घंटों में सामने आने की संभावना है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति जो बिडेन को उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम द्वारा नियमित रूप से अपडेट किया जाता है और वह इजरायली अधिकारियों, अमेरिकी भागीदारों और सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
एयरलाइन सुरक्षा और सुरक्षा विशेषज्ञ टॉड कर्टिस के हवाले से अल जज़ीरा रिपोर्ट किया है कि जॉर्डन जैसे देशों ने इज़राइल की ओर जाने वाले ड्रोन के खतरे के कारण अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। यह ‘अत्यधिक सावधानी’ के कारण था, ‘जिस प्रकार के विमान स्पष्ट रूप से इज़राइल की ओर जा रहे हैं, वे आवश्यक रूप से एयरलाइनरों या उनके विमानों को निशाना नहीं बना रहे हैं। हालांकि, इस स्थिति में बहुत कुछ अज्ञात होने वाला है, जिसमें इज़राइल और अन्य लोगों की ओर से किसी भी प्रकार की रक्षात्मक गतिविधि भी शामिल है।’
उन्होंने कहा कि अधिकांश एयरलाइनर और अधिकांश एयरलाइन प्रबंधन कंपनियां इस क्षेत्र में हवाई क्षेत्र के कुछ हिस्सों से बचना चाहेंगी, ‘सिर्फ इसलिए कि वहां खतरा मौजूद है’ न केवल सैन्य गतिविधि से, बल्कि रिपोर्ट किए गए जीपीएस सिस्टम जाम होने से भी। फिलहाल मध्य पूर्व में तनाव बरक़रार है। वही मस्जिद-ए-अल-अक्सा से आ रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि फलस्तीनी नागरिको ने ईरानी हमलो का स्वागत करते हुवे नारे लगाये है।
इज़रायली प्रधान मंत्री के कार्यालय का कहना है कि युद्ध कैबिनेट तेल अवीव में सैन्य मुख्यालय में बुलाई गई। यह बैठक ईरान के उस बयान के तुरंत बाद बुलाया गया था जिसमें उसने कहा था कि उसने ड्रोन और क्रूज मिसाइलों से इजरायली क्षेत्र पर हमला शुरू कर दिया है।
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