अनुराग पाण्डेय
डेस्क: साल 2014 से अन्य दलों से जुड़े 25 नेता, जो केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में थे, वो भाजपा में शामिल हुए हैं। इन 25 में से 23 नेताओं को उन मामलों में राहत मिल चुकी है, जिनमें वे जांच का सामना कर रहे थे। वहीं, तीन नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं और अन्य 20 में जांच रुकी हुई है या ठंडे बस्ते में हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट के अनुसार, इन 25 मामलों में से केवल दो पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा और पूर्व टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी के ऐसे मामले हैं, जिसमें इनके भाजपा में शामिल होने के बाद भी ईडी द्वारा ढील दिए जाने के अभी तक कोई सबूत नहीं है।
वहीं, जिन नेताओं ने भ्रष्ट्राचार का आरोप झेलते हुए अपनी पार्टी छोड़ी और भाजपा में शामिल हुए, उसमें दस कांग्रेस से, चार-चार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना से, तीन तृणमूल कांग्रेस से, दो तेलुगु देशम पार्टी से और एक-एक समाजवादी पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से हैं।
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