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मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के वायरल वीडियो की जाँच में सीबीआई ने दाखिल किया चार्जशीट, बताया मौके पर मौजूद पुलिस वालो ने कैसे महिलाओं को बचाने की कोशिश भी नही किया

आदिल अहमद

डेस्क: मणिपुर के मैतेई बहुल थौबल ज़िले में भीड़ द्वारा कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न करने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। यह घटना पिछले साल 4 मई की है लेकिन बीते साल 19 जुलाई को जब इन दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का एक भयावह वीडियो सामने आया तो पूरा देश हिल गया था। इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट से जो जानकारियां सामने आई हैं वो बेहद परेशान करने वाली हैं।

सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल करने के बाद अपने एक लिखित बयान में बताया, ‘यह आरोप लगाया गया था कि, 4 मई, 2023 को अत्याधुनिक हथियारों से लैस लगभग 900 से एक हज़ार लोगों की भीड़ ने मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के बी। फेनोम गांव में प्रवेश किया, घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। उन लोगों ने संपत्तियों को लूटा, ग्रामीणों पर हमला किया। भीड़ ने हत्याएं कीं और महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। आरोपों के अनुसार एक पीड़ित के परिवार के दो सदस्य भी मारे गए। सीबीआई की जांच में पता चला कि आरोपी उक्त घटना में शामिल थे।’

सीबीआई की चार्जशीट में इस बात का ज़िक्र किया गया है कि जिस समय भीड़ इन महिलाओं का पीछा कर रही थी उस दौरान वो सड़क के किनारे खड़ी पुलिस की एक जिप्सी के अंदर बैठने में कामयाब हो गई थीं। लेकिन जब उन्होंने पुलिस से वाहन चलाने का अनुरोध किया तो पुलिस चालक ने उन्हें बताया कि ‘गाड़ी की चाबी नहीं है। पुलिस जिप्सी के पास आते समय भीड़ ने फिर से पीड़ितों को एक-दूसरे से अलग कर दिया था। दोनों महिला पीड़ित पुलिस जिप्सी के अंदर बैठने में कामयाब रहीं। उस समय पुलिस जिप्सी के अंदर सादी खाकी वर्दी पहने ड्राइवर समेत दो पुलिसकर्मी उनके साथ थे और तीन से चार पुलिसकर्मी बाहर खड़े थे।’

सीबीआई ने चार्जशीट में कहा है कि ‘एक पीड़ित पुरुष ने पुलिसकर्मियों से वाहन चलाने का अनुरोध किया, हालांकि पुलिस जिप्सी के चालक ने जवाब दिया, ‘उनके पास चाबी नहीं है।’ वे बार-बार पुलिसकर्मियों से उनकी मदद करने और भीड़ द्वारा हमला किए जा रहे एक व्यक्ति को बचाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन ‘पुलिस ने उनकी मदद नहीं की’।’ उस हमले में भीड़ ने एक महिला के भाई और पिता की हत्या कर दी थी। सीबीआई के आरोप-पत्र में यह भी कहा गया कि जब एक बड़ी भीड़ ने महिलाओं को वाहन के अंदर से बाहर निकाल लिया था उस समय घटनास्थल पर मौजूद सभी पुलिसकर्मी मौके से चले गए थे। जबकि भीड़ में से कुछ लोगों ने ही महिलाओं को गांव की सड़क के किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी के पास जाने के लिए कहा था।

सीबीआई जांच में पता चला कि एक बड़ी भीड़ पुलिस जिप्सी के पास पहुंची और उन्होंने जिप्सी के अंदर से एक पुरुष और दो महिलाओं को बाहर निकाला। इस बीच पुलिसकर्मी महिलाओं को भीड़ के साथ अकेला छोड़कर मौके से चले गए। भीड़ ने दोनों महिलाओं के कपड़े फाड़ दिए और एक पुरुष पीड़ित की पिटाई शुरू कर दी। पीड़ितों में से एक महिला पास के स्थान पर मौजूद थी और उसने पूरी घटना अपनी आंखों से देखी। सीबीआई ने पिछले साल 16 अक्टूबर को इस मामले (अपराध संख्या 110(06)/2023) की चार्जशीट गुवाहाटी के विशेष न्यायाधीश, सीबीआई कोर्ट में दाखिल कर दी थी।

उस समय सीबीआई ने एक बयान जारी कर बताया था कि मणिपुर वायरल वीडियो मामले में गुवाहाटी में विशेष न्यायाधीश, सीबीआई अदालत के समक्ष छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र और कानून के साथ संघर्ष में एक किशोर (सीसीएल) के खिलाफ एक रिपोर्ट दायर की है। सीबीआई ने मणिपुर सरकार के अनुरोध और भारत सरकार से जारी अधिसूचना के बाद इस मामले की पिछले साल जांच शुरू की थी। उस दौरान थौबल ज़िले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।

मणिपुर जातीय हिंसा से जुड़े करीब 11 मामलों की जांच कर रही सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में अन्य स्थानों पर भी कई घटनाएं होने का ज़िक्र किया है। भीड़ द्वारा घरों में आग लगाने और एक गांव पर हमला शुरू करने की बात का भी आरोप पत्र में ज़िक्र है। जांच में यह भी पता चला कि 4 मई को आसपास के मैतेई गांवों के प्रधानों और अन्य सामुदायिक गांवों के प्रमुखों की एक बैठक हुई थी। हालाँकि, बैठक में लिए गए निर्णय के बावजूद भीड़ ने चर्च, कुछ घरों और आस-पास के गाँवों को जला दिया।

इस घटना के आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें सामूहिक बलात्कार, हत्या, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना और आपराधिक साज़िश से संबंधित धाराएं शामिल हैं। जिन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है उनकी पहचान हुइरेम हेरोदाश मैतेई (32) है जिसे मणिपुर पुलिस ने 20 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए अरुण खुंडोंगबम उर्फ नानाओ (31), निंगोम्बम टोम्बा सिंह उर्फ टोमथिन (18),पुखरीहोंगबाम सुरंजॉय मैतेई (24), नामीराकपम किरम मैतेई (30) और एक किशोर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

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