मो0 कुमेल
डेस्क: कलयुग में कुछ भी संभव है, ऐसा बड़े बुज़ुर्ग कहा करते है। मगर दिमाग उस वक्त काम नही करता है जब कलयुग में माँ की ममता पर भी सवाल उठ खड़े होते है। आखिर कैसे कोई माँ अपने औलाद को खुद मौत के मुह में ढकेल सकती है? कहा जाता है पूत कपूत तो हो सकता है, मगर माता कुमाता।।? मगर इस घटना में ऐसा ही कुछ नज़र आएगा आपको और यह जानकार कि एक माँ अपनी मासूम बच्ची को पहाड़ी पर छोड़ कर आ गई जहा उस नन्ही जान ने भूख प्यास से तड़प कर दम तोड़ दिया।
मामला छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले का है। मुंगेली जिले के लोरमी थाना क्षेत्र के खुड़िया चौकी में स्थित वन ग्राम पटपरहा की एक सरपंच मां ने बेटी को मौत के हवाले कर दिया। मां अपनी तीन साल की बच्ची को जंगल की पहाड़ी पर अकेला छोड़ आई। यहां भूख प्यास से तड़प कर बच्ची ने दम तोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक सरपंच संगीता का 6 मई को अपने पति से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। गुस्से में महिला सरपंच अपने दो बच्चों के साथ पैदल ही जंगल की तरफ रवाना हो गई।
संगीता के साथ एक साल का बेटा और 3 साल की बेटी अनुष्का भी थी। दरअसल संगीता ससुराल से 25 किलोमीटर दूर अपपने मायके डिंडोरी जाना चाहती थी जो एमपी और छत्तीसगढ़ की सीमा पर मौजूद है। दोनो बच्चों को लेकर निकली मां संगीता बच्ची को गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर मैलू पहाड़ी पर छोड़ कर वापस आ गई। ये इलाका टाइगर रिजर्व एरिया में है। ये बात संगीता ने अपने पड़ोसियों को बताई तो लोग हैरान रह गए। आनन फानन में संगीता के पति के साथ दर्जनों लोगों ने जंगल में बच्ची अनुष्का की तलाश शुरु की।
बच्ची की मां संगीता ये भी नही बता पा रही थी कि वो बच्ची को जंगल के किस इलाके में छोड़कर आई है। गांव वालों के साथ साथ पुलिस की टीमें भी बच्ची की तलाश में कांबिंग कर रही थीं। आखिरकार 9 मई की रात बच्ची की लाश मैलू पहाड़ी पर मिली। बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। अनुष्का के शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। ना ही जानवरों के निशान पाए गए हैं। माना जा रहा है कि तीन साल की बच्ची भूख प्यास से तड़प कर मर गई।
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