अनुराग पाण्डेय
डेस्क: कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश से बीते सप्ताह स्कूल सेवा आयोग की परीक्षा के जरिए भर्ती जिन 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरियां छिन गई थी उनको राज्य सरकार ने अप्रैल के वेतन का भुगतान कर दिया है। सरकार ने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले का फैसला नहीं होने तक वह वेतन देना जारी रखेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर हैरानी जताई और सवाल किया कि मंत्रिमंडल ने आखिर अतिरिक्त पदों के सृजन को मंजूरी क्यों दी? मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है। अदालत का सवाल था कि जब ओएमआर शीट ही उपलब्ध नहीं है तो यह फैसला कैसे होगा कि किसने योग्यता के बल पर नौकरी हासिल की थी और कौन अयोग्य था? फिलहाल अप्रैल का वेतन मिलने के बाद इन शिक्षकों ने राहत की सांस ली है, लेकिन उनके मन में आशंका बनी हुई है।
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