ईदुल अमीन
डेस्क: 18वें लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राज्य की 48 में से 13 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है। वहीं कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) 9 और एनसीपी (शरतचंद्र पवार) 8 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है।
महाराष्ट्र की राजनीति में बीते पांच साल में कई बड़े उलटफेर देखने को मिले हैं। 2019 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शिवसेना एनडीए गठबंधन से अलग हो गई थी। उद्धव ठाकरे की अगुवाई में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने महाविकास अघाड़ी का गठन किया और राज्य में सरकार बनाई।
हालांकि 2।5 साल बाद शिवसेना में टूट हो गई। शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार का गठन किया। शिवसेना पर दावे को लेकर भी लड़ी गई कानूनी लड़ाई में उद्धव ठाकरे के हाथ निराशा आई। शिवसेना का नाम और सिंबल शिंदे गुट को मिला और उद्धव ठाकरे को नई पार्टी बनानी पड़ी।
पिछले साल एनसीपी में टूट देखने को मिली। अजित पवार एनसीपी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों को लेकर राज्य की शिंदे सरकार में शामिल हो गए। कानूनी लड़ाई के बाद एनसीपी का नाम और सिंबल अजित पवार के हिस्से आया। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शरद पवार को नई पार्टी बनानी पड़ी और उन्होंने नए सिंबल पर चुनाव लड़ा। इस साल अक्टूबर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
तारिक खान डेस्क: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ ही 14 राज्यों की 48…
आदिल अहमद डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन…
तारिक आज़मी डेस्क: झारखण्ड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावो के नतीजो का रुझान सामने आने के…
तारिक खान डेस्क: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक मंदिर के पास की कथित…
ईदुल अमीन डेस्क: ओडिशा के बोलांगीर ज़िले में एक आदिवासी महिला को मल खिलाने और…
मो0 सलीम वाराणसी: समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के महानगर अध्यक्ष मोहम्मद हैदर 'गुड्डू' के नेतृत्व…