तारिक़ आज़मी
डेस्क: ‘डिजिटल अरेस्ट’ आज कल साइबर ठगों का नया हथकंडा हो गया है। कानून के जानकार भी इस लफ्ज़ और साइबर ठगों के मकडजाल में फंस जाते है। जैसे पिछले दिनों एक युवा महिला अधिवक्ता के साथ हुआ। अमूमन आवाम को इसकी जानकारी ही नही है कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई कार्यवाही होती ही नहीं है। मगर इस लफ्ज़ और उधर से आती भारी भरकम आवाज़ और एनसीबी अधिकारी जैसे दमदार शब्द को सुन कर अक्सर महिलाए इसकी शिकार हो रही है।
क्या हुई घटना
रामप्रस्था ग्रीन में रहने वाली महिला को आधे घंटे तक डिजिटली अरेस्ट का खौफ दिखा कर 2 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। ठगों ने खुद को एनसीबी अफसर बताया और उसको कपडे उतार कर तिल दिखाने को कहा। इतना ही नहीं महिला को डिजिटल अरेस्ट का कारण एक पार्सल उसके नाम से आना बताया और कहा कि उसमे ड्रग्स है। इसीलिए महिला को डिजिटल अरेस्ट किया गया है। खौफज़दा महिला जो कुछ साइबर ठग कहते रहे करती रही।
दरअसल हुआ कुछ इस प्रकार से कि गाज़ियाबाद के रामप्रस्था ग्रीन में रहने वाली एक महिला के पास एक अनजान नम्बर से वीडियो कॉल आया। महिला ने जैसे ही कॉल उठाया दूसरी तरफ से कॉल करने वाले शख्स ने सख्त आवाज में महिला को बताया कि वह नारकोटिक्स अफसर है। खुद को एनसीबी का अफसर बताने वाले ने महिला को बताया कि उनका एक कन्साइंनमेंट आया है जिसमें ड्रग्स है। इसके अलावा पैकेट में कई पासपोर्ट, आईसीआईसीआई के क्रेडिट कार्ड, कपड़े और 750 ग्राम ड्रग्स है। इसलिए इसे सीज कर दिया गया है।
महिला ये सुनकर परेशान हो गई। अभी वो कुछ समझ पाती तभी फर्जी एनसीबी अफसर ने उन्हे डरा धमका कर उनकी पर्सनल डीटेल, खातों की जानकारी और डेबिट कार्ड की डीटेल हासिल कर ली। ये सब कुछ ऑनलाइन वीडियो कॉल पर चल रहा था। फर्जी अधिकारी ने पीड़ित महिला से कहा कि वे अपने खाते के डीटेल और वेरिफिकेशन करने के लिए उसे अपनी मोबाइल स्क्रीन शेयर करे। साथ ही उन्हें अपने बैंक खातों में लॉग इन करना होगा।
इसी बीच ठग ने महिला के क्रेडिट कार्ड से दो लाख रुपये का लोन भी ले लिया। उनका आईडी प्रूफ लेने के लिए विडियो शूट किया। इस वीडियो शूट के दौरान महिला को जाल में फंसाने के लिए महिला के कपड़े उतारवा दिए और शरीर पर तिल दिखाने को कहा। थोड़ी देर बाद ये कॉल डिसकनेक्ट हो गया। इसके बाद जब शांति से महिला बैठी तो उसको ठगी का अहसास हुआ। इस ठगी का पता चलने पर महिला ने पुलिस में केस दर्ज कराया है।
क्या है डिजिटल अरेस्ट का भुत और क्या है इसका सच
दरअसल कानून के किताबो में और किसी भी नियम के तहत ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा कोई प्रावधान है ही नहीं। कोई किसी को उसके घर के अन्दर ही कैमरे की निगरानी में नहीं रख सकता है। ऐसा कोई नियम नही है। मगर इसकी जानकारी लोगो को कम होने के कारण लोग इसके शिकार हो जाते है। अरेस्ट जैसा शब्द सुनते ही अमूमन लोग डर जाते है। साइबर ठगों के निशाने पर अक्सर महिलाये होती है। जिनको जल्दी डरा दिया जाता है।
किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल आता है और वह खुद को कोई बड़ा अधिकारी बता कर डिजिटल अरेस्ट की बात करता है। जिसके बाद डर के कारण अमूमन इन साइबर ठगों के शिकार वही करते है जैसा ये हुक्म उनको वीडियो कॉल पर देते है। वह महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार भी करते है। वीडियो काल पर कपडे उतारने को मजबूर भी करते है। जिसके बाद वह उनके बैंक खातो की डिटेल और अन्य जानकारी लेकर उनके खाते खाली कर देते है।
कैसे बचे इन चालबाजो से
अव्वल तो अनजान नंबर से वीडियो कॉल न उठाये। अगर उठाते भी है और कुछ भी इस प्रकार की बाते कॉलर करता है तो आप तुरंत फोन काट दे और स्थानीय पुलिस को इसकी सुचना दे। ध्यान रहे, यदि आपने कोई अपराध नही किया है तो कोई आपको ज़बरदस्ती गिरफ्तार नही कर सकता है। साथ ही कोई ऐसा कानून नही है कि जिसमे आपको वीडियो कॉल पर लगातार सामने रहने पर मजबूर किया जा सकता है। यदि किसी अधिकारी को आपके गतिविधि पर शक होगा तो स्थानीय पुलिस को वह तुरंत आपके घर भेज कर आपको हिरासत में ले सकता है। फिर क्यों कोई अधिकारी आपको वीडियो कॉल पर आपकी डिटेल लेगा? सावधान रहे और सुरक्षित रहे।
मो0 कुमेल डेस्क: बुलडोज़र से किसी का आशियाना या घर तोड़ने से पहले सरकार या…
मोनू अंसारी डेस्क: हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि उसने इसराइल के कई इलाको पर…
अबरार अहमद प्रयागराज: ब्लॉक श्रृंगवेरपुर के मोहिद्दीनपुर गांव में बंदरों आतंक लगातार जारी है जिसकी…
तारिक आज़मी वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली तंजीम अन्जुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी…
कल्पना पाण्डेय इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक…
तारिक खान डेस्क: एक कलाम का मिसरा है कि 'झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए।'…