आफताब फारुकी
डेस्क: एक फ़्रांसीसी पत्रकार ने दावा किया है कि भारत में 13 साल तक संवाददाता रहने के बाद उन्हें काम करने के लिए अनुमति (वर्क परमिट) ना मिलने की वजह से भारत छोड़ना पड़ा है। फ्रांसीसी पत्रकार सबेस्टियन फ्रांसिस ने भारत सरकार के इस फ़ैसले को ‘समझ से परे वाली सेंसरशिप कहा है।’
डॉगनेक के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने उनके काम को दुर्भावनापूर्ण बताया था। वेनेसा ने आलोचनात्मक रिपोर्टिंग की थी। वहीं, आम चुनावों के समय ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डियास ने भी भारत सरकार पर वर्क परमिट ना देने के आरोप लगाते हुए भारत छोड़ दिया था। आलोचकों का कहना है कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले लोकतांत्रिक देश भारत में मीडिया की स्वतंत्रता पर लगातार हमले हो रहे हैं। संवेदनशील विषयों पर रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों को सरकार की सेंसरशिप का सामना करना पड़ता है।
मो0 कुमेल डेस्क: बुलडोज़र से किसी का आशियाना या घर तोड़ने से पहले सरकार या…
मोनू अंसारी डेस्क: हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि उसने इसराइल के कई इलाको पर…
अबरार अहमद प्रयागराज: ब्लॉक श्रृंगवेरपुर के मोहिद्दीनपुर गांव में बंदरों आतंक लगातार जारी है जिसकी…
तारिक आज़मी वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली तंजीम अन्जुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी…
कल्पना पाण्डेय इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक…
तारिक खान डेस्क: एक कलाम का मिसरा है कि 'झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए।'…