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अरे गजब..! नौकरानी बन गई बंगले की मालकिन? कथित बंगलादेशी सलमा ने मीनू सक्सेना बनकर गुजरात सरकार के पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी का कब्ज़ा किया बंगला

तारिक खान

डेस्क: ग्वालियर पुलिस को एक धोखाधड़ी की अजीब सिकायत मिली है। शिकायत करने वाले गुजरात सरकार के पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना है। उन्होंने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाया है कि उनके बंगले पर काम करने वाली नौकरी सलमा ने खुद को उनको पत्नी और बेटी साबित करने के लिए फर्जी पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बनवा लिया है और एक बंगला बेच दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी युवती की तलाश जारी कर दिया है।

सलमा ने जब दीपक सक्सेना की मुरैना में ढाई करोड़ की संपत्ति बेची और नामांतरण के लिए आवेदन किया तो पूरा मामला उजागर हुआ, क्योंकि दीपक सक्सेना के चाचा भी उस संपत्ति में हिस्सेदार थे। इसलिए उनकी सहमति के बिना नामांतरण नहीं हो सकता और उन्होंने दीपक सक्सेना को इस बारे में जानकारी दी। रिटायर्ड अपर सचिव दीपक सक्सेना ने पूरे मामले की शिकायत ग्वालियर में पुलिस से की है। जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन घर का सामान बेचकर फरार हुई सलमा अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई है। बताया जाता है कि सलमा बांग्लादेशी है और इस मामले में उसके साथ पूरा गिरोह शामिल है।

दीपक सक्सेना का आरोप है कि सलमा से मीनू बनी युवती मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली है। उसका असली नाम सलमा है और वह दौलत हड़पने के लिए मीनू सक्सेना बन गई। वही आरोपी मीनू का कहना है कि वह बचपन से ही दीपक सक्सेना के घर में रहती थी और उनके पिता की सेवा करती थी। उसकी सेवा से खुश होकर एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना के पिता ने मकान और जमीन मीनू के नाम कर दी।

जबकि दीपक सक्सेना का आरोप है कि मीनू ने फर्जी दस्तावेज बनवाए और इसी आधार पर फर्जी वसीयत बनवा ली, जबकि कानूनी तौर पर पैतृक संपत्ति की वसीयत नहीं की जा सकती। एक तरफ जहा मीनू खुद को सक्सेना परिवार की सदस्य बता रही है, जबकि दीपक सक्सेना का कहना है कि वह बांग्लादेशी है और उसका असली नाम सलमा है। पहले वह नोएडा में मजदूरी करती थी और उसके घर में इस्लाम की तस्वीर लगी हुई थी। लेकिन बांग्लादेश के कुछ लोगों के साथ साजिश करके उसने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए।

इसी दौरान दीपक सक्सेना के पिता की मौत हो गई और सलमा ने पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाकर अपना नाम सलमा से मीनू सक्सेना रख लिया। फर्जी तरीके से बनवाए गए दस्तावेजों में कहीं उसने खुद को प्रेम नारायण की पत्नी तो कहीं बेटी बताया। इसी बीच जब मार्च महीने में अपर सचिव दीपक सक्सेना ग्वालियर आए तो सलमा ने गुंडों से उनकी पिटाई करवाई और यह कहकर बाहर निकलवा दिया कि यह उसका घर है।

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