प्रमोद कुमार
आजमगढ़: आजमगढ़ जिला महिला चिकित्सालय से एक शख्स ने बच्ची चोरी की घटना पंजीकृत करवाया था। पुलिस ने इस मामले में पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की थी। मगर जैसे ही जांच आगे बढती गई, जांच का रुख ऐसा बदला की महज़ एक बच्चा चोरी की घटना में ही एक मासूम के क़त्ल, ठगी जैसे मामले का खुलासा कर दिया। इस मामले में सबसे दुखद पहलू ये था कि एक पढ़ा लिखा चिकित्सक तंत्र मंत्र के चक्कर में पड़ कर एक बेटे की चाहत में अपनी खुद की फुल जैसी बच्ची का क़त्ल कर बैठा।
पवई ब्लाक में सरकारी अस्पताल में काम करने वाली सरोजा की बहन संगीता ने पैसे कमाने का एक आईडिया दिया। आईडिया ये कि तंत्र मंत्र के जरिए किसी भी लड़की को लड़का बनाने का झांसा देकर पैसा ऐंठे जा सकते हैं। वो जानते थे कि असपताल में बहुत से माता पिता बेटे की चाहत रखते हैं उन्हे ठगा जा सकता है। तीनों की तिगड़ी ने अब बच्चे के जेंडर को तंत्र मंत्र के जरिए बदलने की साजिश रची।
संगीता ने सबसे पहला शिकार डॉक्टर मनोज राम को बनाया जो ब्लॉक के अस्पताल में तैनात हैं और आंखों के डॉक्टर हैं। मगर आँखों के डाक्टर को इतनी दूर दृष्टि नही थी कि बेटे की चाहत में वह अपनी फुल जैसे बेटी का क़त्ल न करे। डॉक्टर मनोज की पत्नी रेनू देवी को दो बेटियां थीं। उनको तीसरा बच्चा होने वाला था। संगीता ने मनोज को झांसा दिया कि वो उनकी पत्नी के पेट में पल रही बेटी को तंत्र मंत्र से बेटा बना सकती है। तंत्र मंत्र से लड़का बनाने की बात सुनकर मनोज तैयार हो गया। संगीता ने तंत्र मंत्र तो किया लेकिन मनोज की पत्नी रेनू बेटी ही पैदा हुई।
बेटी के पैदा होने से डाक्टर मनोज बौखला गया। संगीता ने मनोज से कहा गया कि अगर इस बच्ची को मार दिया जाए तो उसे लड़का बनाया जा सकता है। जिस पर तंत्र मंत्र के चक्कर में पड़ कर डाक्टर मनोज संगीता के इस झांसे में भी आ गया और उसने अपनी 15 दिन की बेटी को पवई के सरकारी मकान में जान से मार दिया। इसके बाद उस नवजात बच्ची के शव को सरकारी आवास से कुछ दूर पर हाईवे के किनारे स्थित डीह बाबा के स्थान पर फेंक दिया। जिसके बाद डाक्टर मनोज संगीता और उसके साथियों से लड़का बनाने की मांग करने लगा।
इस मुश्किल से छुटकारा पाने के लिए संगीता और सूरज ने एक बच्चे का इंतजाम करने की ठानी। प्लान के मुताबिक 30 मई की रात सूरज पटवध गांव से एक छह-सात माह के बच्चे को चुरा लाया और मनोज राम को ये कहते हुए बच्चा दे दिया कि उसकी बेटी को तंत्र मंत्र के बेटा बना दिया गया है। बच्चा उम्र में बड़ा था लिहाजा मनोज ने ये बच्चा लेने से इनकार कर दिया। जिसके बाद सूरज ने बच्चे को उसके परिजनों को यह कहते हुवे सौंप दिया कि बच्चा उसे रास्ते में मिला था।
इसके बाद सूरज ने सरोज व संगीता के साथ मिलकर नवजात लड़के को चुराने का फैसला किया। तीनों ने जिला महिला चिकित्सालय से एक नवजात बच्ची को उठाकर सरोज के घर पहुंचा दिया। मनोज को फिर बताया गया कि उसकी बच्ची को तंत्र मंत्र से जिंदा करा गया है। मगर डाक्टर मनोज राम व उसकी पत्नी रेनू देवी ने बच्ची को देखा तो दूसरे की बच्ची लेने से मना कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने मनोज राम व उसकी पत्नी रेनू देवी व सूरज उर्फ पप्पू व संगीता व सरोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने रौनापार के बेदपुर गांव की रहने वाली संगीता, बरईपुर के रहने वाले सूरज कुमार, मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में डॉक्टर, उसकी पत्नी समेत तीन अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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