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हाथरस सत्संग हादसा: बाबा का नाम अभी तक नही जुडा ऍफ़आईआर में, जाने क्या है जाँच के केंद्र में, बाबा के वकील एमपी सिंह का दावा ‘भगदड़ एक साजिश का हिस्सा, लोगो की जान लेने के लिए ज़हरीला स्प्रे लाया गया

ईदुल अमीन

डेस्क: हाथरस घटना के हुई ऍफ़आईआर में अब तक कुल 7 लोग गिरफ्तार हुवे है। वही दूसरी तरफ घटना में हुई ऍफ़आईआर में अभी तक बाबा का नाम नही जुडा है। दुसरे तरफ आज बाबा के अधिवक्ता एमपी सिंह ने सनसनीखेज़ खुलासा करते हुवे कहा कि भगदड़ एक साजिश थी और लोगो की जान लेने के लिए ज़हरीला स्प्रे लाया गया था। हालाँकि उन्होंने अपने दावे से सम्बन्धित कोई साक्ष्य नही उपलब्ध करवाए है।

अब बाबा के वकील ने दावा किया है कि हाथरस में जो भगदड़ मची उसके पीछे एक रहस्यमयी स्प्रे था। उन्हीं बाबा भोले के वकील ने जिनके सतसंग के दौरान हादसा होने से 123 लोगों की मौत हो गई। इनमें सबसे ज्यादा तादाद महिलाओं और बच्चों की थी। बाबा के वकील एपी सिंह ने ये दावा किया है कि हाथरस में भगदड़ के पीछे दरअसल एक साजिश थी। सिंह का कहना है कि सतसंग में भगदड़ मचा कर लोगों की जान लेने के लिये प्लानिंग के तहत एक रहस्यमयी स्प्रे लाया गया था। ये स्प्रे जहरीला था इसीलिये इसे स्प्रे करते ही भगदड़ मच गई।

सिंह का दावा है कि स्प्रे में कुछ ऐसा कैमिकल मिला था जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई और वो छटपटा कर बेतहाशा भागने लगे। इसी वजह से भगदड़ मची और जिसके बाद इतने लोग मारे गए। साकार विश्व हरि उर्फ सूरजपाल के वकील ने ये भी दावा किया कि ये पूरा षड़यंत्र बाबा के सत्संग को बदनाम करने की नीयत से रचा गया। उन्होंने ये भी कहा कि यूपी पुलिस की एसआईटी को इस एंगल पर जांच करनी चाहिए। हालांकि वकील ए पी सिंह ने अपने इस दावे को लेकर कोई सबूत पेश नहीं किया। मगर अपने बयान में ए पी सिंह ने बार-बार ये दावा किया कि हाथरस में जो भगदड़ हुई, वो दरअसल साजिश का ही नतीजा है।

हाथरस कांड में पुलिस ने एफआईआर में दावा किया था कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने 80 हजार लोगों के आने की संभावना जताई थी, लेकिन लाखों लोग आ गए। इसी आधार पर लोकल पुलिस ने देव प्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बताया था, लेकिन आरोपी देव प्रकाश मधुकर की परमिशन के लिए दी गई एप्लीकेशन में उसने दावा किया था की बाबा के समागम में 80 हजार से ज्यादा भीड़ आयेगी। बावजूद इसके पुलिस ने इसको लेकर पर्याप्त प्रबंध नहीं किया।

उधर जांच में कई चीजें सामने आई है। जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां कीचड़ था। लोग किचड़ में फिसले और गिर गए। फिर लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। इस वजह से ये हादसा हुआ। ज्यादातार मृतकों के मुंह, नाक, कान और शरीर के दूसरे हिस्सों में मिट्टी घुस गई थी। मामले की न्यायिक जांच जारी है। बाबा का बयान भी सामने आया है, जिसमें उसने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर सरेंडर कर चुका है।

इस बाबत सिकंदरामऊ थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। FIR में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद भगदड़ का तो जिक्र है लेकिन आरोपी के तौर पर उनका नाम नहीं है। हादसे का आरोपी मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अज्ञात सेवादार व आयोजकों को बनाया गया था। लाखों की भीड़ का अंदाजा होने के बावजूद आयोजकों ने मंजूरी लेने में ये बात छिपाई और सिर्फ 80 हजार लोगों के आयोजन की अनुमति ली। पुलिस के मुताबिक, प्रवचन के बाद जब बाबा ने प्रस्थान किया तो श्रद्धालु उनके मार्ग की धूल लेने लगे, लेकिन भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि धूल लेने झुके या बैठे लोग कुचलते चले गए। एफआईआर के मुताबिक, सेवादारों के कुप्रबंधन की वजह से भगदड़ मची। सेवादारों ने डंडों से भीड़ को जबरन रोकने की कोशिश की, जिससे भीड़ के दबाव में लोग कुचले गए।

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