एच0 भाटिया
बरेली: बरेली के मौलाना तौकीर रजा ने ‘लव जिहाद’ के मुकाबले ‘भगवा लव ट्रैप’ की थ्योरी बताते हुवे हडकंप मचा दिया था. उनके इस बयान को लेकर विवाद हुवे थे. उन्होंने बीते ये बयान देकर तहलका मचा दिया था कि संघ से जुड़े हिंदूवादी संगठन मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को चोरी-छिपे हिंदू बनाने की साजिश रच रहे हैं। दूसरी ओर रजा का दावा है कि लव जिहाद, यानी धोखे से हिंदू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसा कर मुस्लिम बनाने का आरोप, पूरी तरह झूठ है। उनके मुताबिक ये मुसलमानों को बदनाम करने का हिंदू संगठनों का प्रोपागेंडा भर है।
बीते सोमवार मौलाना तौकीर रज़ा ने कहा कि उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के ख्वाहिशमंद हिंदू धर्म से जुड़े लड़के-लड़कियों के 23 आवेदन मिले हैं। मौलाना का दावा है कि इनमें से हिंदू लड़कों की तादाद पाँच हैं जबकि पंद्रह हिंदू लड़कियां भी शामिल हैं। तौकीर रजा का कहना है कि इन सभी ने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया है और धर्म परिवर्तन की शुरुआती प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। तौकीर रजा के मुताबिक ये विवादास्पद सामूहिक धर्मांतरण और निकाह का कार्यक्रम 21 जुलाई की सुबह 11 बजे बरेली के खलील हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के लिये तौकीर रज़ा के सहयोगी नदीम क़ुरैशी ने बरेली सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला को एक चिट्ठी लिखकर जिला प्रशासन से औपचारिक इजाजत मांगी है। प्रक्रिया के तहत मेजिस्ट्रेट ने इस आवेदन को समीक्षा के लिये स्थानीय पुलिस को भेज दिया है। मगर इस तरह के विवादित और भड़काऊ कार्यक्रम की जानकारी जैसे-जैसे शहर में फैल रही है लोगों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर विरोध के स्वर भी उठ रहे हैं। लोगों को सबसे ज्यादा डर इस प्रोग्राम की वजह से शहर का माहौल खराब होने का है।
अपने इस कार्यक्रम को और विवादित बनाते हुए मौलाना तौकीर रजा ने ये भी दावा किया कि हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम अपनाने वाले ये जोड़े पहले से ही लिव इन रिलेशनशिप में साथ रह रहे हैं। मौलाना ने तर्क दिया कि हालांकि देश का कानून बिना शादी के दो व्यस्क को साथ रहने की इजाजत देता है लेकिन इस तरह का रिश्ता न तो हिंदू समाज मंजूर करता है और न ही इसकी इजाजत इस्लाम देता है।
मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि ऐसे में धर्म परिवर्तन करा कर ऐसे जोड़ों की शादी करा देने से इनके धर्म के हिसाब से अवैध रिश्ते को समाजिक मान्यता भी मिलेगी। तौकीर रजा ने अपनी सफाई में ये भी कहा कि उनका संगठन, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल प्यार या लालच के लिए धर्मांतरण की इजाजत नहीं देता। मौलाना ने कहा कि धर्मांतरण के लिये किसी के साथ भी जोर जबरदस्ती नहीं की गई है और हर एक जोड़े को पूरी जांच पड़ताल के बाद ही इस कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है।
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