शफी उस्मानी
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि राज्यों के पास खनिजों और खदानों पर कर लगाने का अधिकार है। ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों का यह तर्क था कि संविधान के अनुसार यह अधिकार सिर्फ राज्यों का है। हालांकि केंद्र और विभिन्न माइनिंग कंपनियों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना था कि खनन के लिए सिर्फ केंद्र सरकार की तय की हुई रायल्टी ही मान्य है और राज्यों के पास कर लगाने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘राज्य विधानसभाओं के पास खनिजों वाली ज़मीन पर कर लगाने की विधायी शक्ति है।’ इसके अलावा उन्होंने माना कि रॉयल्टी कोई टैक्स का रूप नहीं है। बेंच ने कहा कि संसद के पास खनिज अधिकारों के तहत कर लगाने की क्षमता नहीं है। हालांकि यह राज्य के कर लगाने की सीमा निर्धारित कर सकती है। हालाँकि, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने बेंच के इस फैसले से असहमति जताई है।
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