आफताब फारुकी
डेस्क: बीजेपी शासित असम में राज्य सरकार ने मुस्लिमों की शादी और तलाक़ के पुराने क़ानून को ख़त्म करने की मंज़ूरी दे दी है। साल 1935 के ‘असम मुस्लिम विवाह और तलाक़ पंजीकरण कानून’ में विशेष परिस्थिति में मुसलमानों को कम उम्र में शादी की इजाज़त दी गई है।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है, ‘हम बाल विवाह को धार्मिक नज़रिए से नहीं देखते हैं। अगर 80 फ़ीसदी बाल विवाह अल्पसंख्यक समुदाय में होते हैं तो 20 फ़ीसदी बाल विवाह बहुसंख्यक समुदाय में भी होता है।’ अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिन्दू’ के मुताबिक़ असम विधानसभा के मानसून सत्र में पुराने क़ानून को ख़त्म करने का विधेयक पेश किया जाएगा।
ईदुल अमीन वाराणसी: दिनदहाड़े बीच सड़क पर ईट पत्थर से मार कर एक साधू भेश्धारी…
शाहनवाज़ अहमद गाजीपुर: जनपद मे गंगा नदी मे बाढ के प्रकोप को देखते हुए विकास…
शाहनवाज़ अहमद गाजीपुर: जनपद मे बाढ की विभिषिका को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड…
शफी उस्मानी वाराणसी : तमाम आलम-ए-इस्लाम ने कल से लेकर आज सोमवार शाम तक आमद-ए-रसूल…
तारिक आज़मी वाराणसी: जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के दौरान शहर बनारस में एक दर्दना हादसा ज़ेरेपेश आया…
अबरार अहमद प्रयागराज: सोरांव के उसरही गांव के सामने स्थित रामजानकी गेस्ट हाउस में चल…