तारिक़ आज़मी
डेस्क: मेरठ का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको जान कर आप भी कह उठेगे कि ‘उफ़ नफरत, तू न गई मन से’। सांप्रदायिक नफरते इस कदर बढ़ चुकी है कि हर एक मामले में धार्मिक चश्मा लगा कर देखने की आदत हमको पड़ चुकी है। हम किसी मांगने वाले को भी उसकी मदद अब धर्म के आधार पर करने से नही चुकते है। एक भीख मांग रहा इंसान हमारे मज़हब अथवा धर्म का है कि नही है, इसकी तस्दीक पहले करने लगते है। इसी तस्दीक के चक्कर में हम हिंसक हो जाते है।
पुलिस ने साधुओं के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह वारदात मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के प्रहलाद नगर की है। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की दोपहर तीन साधु भिक्षा मांगने निकले थे। प्रहलाद नगर में इन साधुओं को कुछ लोगों ने मुस्लिम समझकर रोक लिया। उन्होंने मौके पर ही साधुओं से गायत्री मंत्र और हनुमान चालीसा पढ़वाई। इसमें साधु पास हो गए तो उनसे आधार कार्ड मांगा। जब साधुओं के पास आधार कार्ड नहीं मिला तो आरोपियों ने उन्हें बच्चा चोर कहकर पिटाई शुरू कर दी।
साधु हरियाणा के रहने वाले हैं इसके बाद और भी लोगों ने साधुओं के साथ मारपीट की। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपियों से साधुओं को मुक्त कराया। थाने में पूछताछ के दौरान पता चला कि तीनों साधु हरियाणा के रहने वाले हैं। पुलिस ने उनके बताए पते का सत्यापन कराया, जो सही पाया गया। इसके बाद पुलिस ने साधुओं के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। पूछताछ में साधुओं ने बताया कि जब आरोपी उनके साथ मारपीट कर रहे थे, तब वे खुद को निर्दोष बता रहे थे।
साधुओं की पिटाई के चार वीडियो सामने आए हैं। वीडियो सामने आने के बाद अब मेरठ पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्रह्लादनगर निवासी तीन आरोपियों पुनीत, मिक्की और हिमांशु को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियो की जांच सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार को दी गई है। वीडियो में नजर आ रहे अन्य आरोपियों की पहचान के भी प्रयास किए जा रहे हैं। मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि प्रह्लादनगर में तीन साधुओं की पिटाई की गई है। वीडियो फुटेज के जरिए घटना का संज्ञान लिया गया है। मुकदमा दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीओ कोतवाली को वीडियो की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
अब आप खुद सोचे कि नफरत की ये सोच हमारे दिलो दिमाग में कितनी कूट कूट कर भरी जा चुकी है। इन्साफ खुद हम अपने हाथो से सड़क पर करने के लिए बेचैन हो जाते है। जस्टिस आन स्पॉट के तौर पर हम खुद ही वकील, खुद ही पुलिस और खुद को अदालत समझ कर फैसले दे देते है और फैसले भी सड़क पर ही कर लेते है। तीन साधुओ की पिटाई करने वालो को आखिर क्या दिया इस नफरत की सोच ने? जेल की सलाखे, कोर्ट कचहरी के चक्कर और पुलिस की हवालात के साथ अपराधिक इतिहास।
तारिक आज़मी डेस्क: पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वो…
निलोफर बानो डेस्क: इंसान का ज़मीर कितना नीचे गिर सकता है, इसको अब कहना और…
मो0 कुमेल डेस्क: दिल्ली में चुनाव आयोग ने गुरुवार को मतदाता पंजीकरण के लिए फर्जी…
मो0 शरीफ डेस्क: उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों संपन्न हुए उपचुनाव के सम्बन्ध में अब…
तारिक आज़मी वाराणसी: वाराणसी का स्मार्ट नगर निगम खुद को सुपर से भी दो तल्ला…
शफी उस्मानी डेस्क: बिहार में प्रदर्शन कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के छात्रों…