शफी उस्मानी
डेस्क: जम्मू कश्मीर में चुनावों की घोषणा होने के बाद शुक्रवार को नेशनल कॉन्फ़्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन का एलान हुआ। जम्मू कश्मीर में गठबंधन की खबरें समाने के आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के गठबंध पर प्रतिक्रिया दी और आरक्षण के मामले पर घेरा था। अमित शाह ने सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस से कई सवाल किए थे।
उन्होंने कहा है कि उसमें लिखा गया था कि अटल जी की नीति पर चलते हुए हुर्रियत से भी बात करेंगे। क्यों लिखा बताइए? भाजपा के नेताओं को अनाप-शनाप बोलने की बीमारी लग गई है। गृह मंत्री के पद पर बैठे हैं और इस तरह की हल्की बातें कर रहे हैं। इससे पहले अमित शाह ने ट्वीट किया था कि, ‘मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 और 35ए हटाने के बाद वर्षों से दलितों, आदिवासियों, पहाड़ियों और पिछड़ों के साथ हो रहे भेदभाव को ख़त्म करने उन्हें आरक्षण देने का काम किया। क्या राहुल गांधी जेकेएनसी के घोषणापत्र में उल्लेखित दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने वाले आरक्षण विरोधी प्रस्ताव का समर्थन करते हैं?’
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