International

ईरान की मस्जिद पर लगा लाल झंडा जिस पर अरबी में लिखा है ‘या ला-थारत अल-हुसैन’ क्या इसराइल के खिलाफ एलान-ए-जंग है?

तारिक़ आज़मी

डेस्क: 31 जुलाई को भारत में सूरज जब तक निकलता करीब तीन हजार किलोमीटर दूर ईरान की राजधानी तेहरान में तब तक हमास के लीडर इस्माइल हानिये की जिंदगी का दीया बुझ चुका था। इस खबर को फैलने में ज्यादा वक्त भी नहीं लगा क्योंकि एक तो खुद इजराइल इस खबर को पूरी दुनिया में फैलाने को आमादा था दूसरा ईरान के समर्थक मुल्कों में ये खबर जंगल की आग की तरफ फैल रही थी। दावा ये था कि इजरायल ने मिसाइल के हमले से हमास के पॉलिटिकल प्रमुख इस्माइल हानिये को उस वक्त मौत के घाट उतार दिया जब वो उत्तरी तेहरान के सबसे महफूज ठिकानों में से एक में आराम से सोने की तैयारी कर रहा था।

ये हमला इतना सटीक और पिन प्वाइंट था कि ईरान के वॉर वेटेरंस के लिए बनाए गए एक मकान को ही मिसाइल ने उड़ाया। और उस हमले में मकान समेत हमास का लीडर इस्माइल और उसका एक निजी बॉडीगार्ड मौके पर मारा गया। मगर जैसे ही ये खबर खुलकर सामने आई तो पूरी दुनिया देखते ही देखते दो भागों में बंट गई। इस हमले के लिए इल्जाम इजरायल पर लगाए गए लेकिन हमला हुआ था ईरान की राजधानी में। ऐसे में इस बात की अफवाह को उड़ते देर नहीं लगी कि इस हमले के जवाब में ईरान अब इजरायल के खिलाफ हमला बोल सकता है।

बस इसी बात को लेकर पूरी दुनिया दो धड़ों में बंट गई। तभी एक तस्वीर ने सामने आकर इस बात को और हवा दे दी कि ईरान वाकई अब इस हमले का बदला लेगा। क्योंकि ईरान ने अपनी एक मस्जिद में लाल रंग का झंडा लगा लिया है। जिसका मतलब इंतकाम माना जा रहा है। ईरान के कोम शहर की एक मस्जिद के गुंबद पर लाल झंडा लगाया गया है। यह लाल झंडा बदला लेने का एक प्रतीक माना जाता है, जिसकी वजह से अब ये माना जाने लगा है कि बढ़ते तनाव की वजह से ईरान इजरायल के खिलाफ हमला कर सकता है।

कोम की मस्जिद पर लगाया गया लाल झंडा ईरान में वैसे अक्सर मोहर्रम के महीने में लगाया जाता है। इस लाल झंडे को शहादत की निशानी माना जाता है और लाल रंग शहीदों के खून का प्रतीक है। मुहर्रम के दौरान खासतौर पर इस झंडे को लगाकर मजहबी मातम मनाया जाता है। इस झंडे पर अरबी में एक वाक्य भी लिखा हुआ है ‘या ला-थारत अल-हुसैन’।  इसका मतलब होता है ‘ऐ हुसैन का बदला लेने वालों’। ऐसे में इस्माइल हानिये की हत्या के बाद अब ये माना जा रहा है कि कोम की मस्जिद में लगाया गया ये लाल झंडा ईरान के ऐलान-ए-जंग का संकेत हो सकता है। यानी उस लाल रंग के झंडे को लगाकर एक तरह से इस बात के संकेत साफ होने लगे हैं कि हो न हो ईरान अब नया युद्धक्षेत्र बनने वाला है।

जिस मस्जिद पर लाल रंग का झंडा लगाया गया है, वो जामकरन मस्जिद है। ये मस्जिद ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 120 किलोमीटर दूर कोम में मौजूद है। कोम को ईरान का सबसे पवित्र शहर भी माना जाता है। ये मस्जिद ईरान में काफी अहम है। असल में एक ही गुंबद होने की वजह से इस मस्जिद को बेहद खास दर्जा हासिल है। ये मस्जिद शिया मुसलमानों का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जहां ईरान में अलग अलग शहरों से लोग आते हैं।

pnn24.in

Recent Posts

वायनाड से प्रियंका गांधी प्रचंड जीत की और अग्रसर, 3 लाख 85 हज़ार मतो से चल रही आगे

तारिक खान डेस्क: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ ही 14 राज्यों की 48…

23 hours ago

महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावी नतीजो पर बोले संजय राउत ‘ये जनता का फैसला नही हो सकता है’

आदिल अहमद डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन…

23 hours ago

वाराणसी: सपा अल्पसंख्यक सभा ने मुलायम सिंह यादव की 85वी जयंती पर पेश किया गुल-ए-खिराज

मो0 सलीम वाराणसी: समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के महानगर अध्यक्ष मोहम्मद हैदर 'गुड्डू' के नेतृत्व…

2 days ago