Crime

कातिल मुहब्बत: जिस अरुण के मुहब्बत में शीबा अपने मामा हशमत अली की भी नही सुन रही थी, उसी ने अपने मित्र कुलदीप के साथ मिलकर किया उसका क़त्ल, निर्वस्त्र कर लाश के किये सर और हाथ अलग

फारुख हुसैन

बहराइच: एसओजी, सर्विलांस और नानपारा थाना की संयुक्ट टीम ने नानपारा कोतवाली क्षेत्र में 21 जुलाई को मिली युवती की सिर कटी लाश कांड का खुलासा कर दिया है। युवती की पहचान रुपईडीहा थाना क्षेत्र के चरदा जमोग निवासी शीबा के रूप में हुई है। युवती की हत्या उसके प्रेमी अरुण ने अपने मित्र कुलदीप के साथ मिल कर किया था। शीबा का कसूर महज़ इतना था कि वह अरुण से शादी शादी करने को कह रही थी।

पुलिस ने हत्यारोपी प्रेमी व उसके दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अभियुक्तों की निशानदेही पर आला कत्ल भी बरामद कर लिया है। बहराइच जिले के थाना रूपेडिहा क्षेत्र में जमोग गांव की है। यहां अपने मामा हशमत अली के यहां 20 साल की उनकी भांजी शीबा रहती थी। वो शुरू से ही मामा-मामी के घर पर रही और उन्होंने ही उसे पाल पोस कर बड़ा किया। मगर एक दिन वो अचानक गायब हो गई। मामा-मामी ने उसे खूब तलाशा, लेकिन उसका कहीं भी कुछ पता नहीं चला।

परेशान होकर उन्होंने 22 जुलाई को थाना रूपेडीहा में शिकायत दर्ज कराई। हशमत अली ने पुलिस को खुल कर कई बातें बताईं। उन्होंने पुलिस को बताया कि जमोग गांव के बगल वाले गांव में अरुण नाम का एक युवक रहता था। शीबा और अरुण एक ही स्कूल में साथ पढ़ते थे। जब शीबा 8वीं क्लास में थी तो अरुण उससे दो साल आगे 10वीं क्लास में पढ़ता था। दोनों में पहले पक्की दोस्ती थी जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई।

उन्होंने पुलिस को बताया कि शीबा मूलतः जनपद श्रावस्ती के थाना मल्हीपुर क्षेत्र में मल्हीपुर खुर्द गांव के रहने वाले अरुण सैनी नाम के लड़के से फोन पर बात करती थी। उसके परिजनों ने बताया कि हमने उसे ऐसा करने से मना भी किया था, लेकिन शीबा नहीं मानी। एक बार उन्होंने शीबा और अरुण को एक साथ देख लिया था, जिसके बाद उसकी पिटाई भी कर दी थी। पुलिस इस मामले को हलके में लेकर बैठ गई और उसको यह मामला महज़ प्यार-मोहब्बत का लगा। गुमशुदा लड़की शीबा थी तो और आरोप अरुण पर था तो पुलिस ने अरुण से शायद पूछताछ करने की ज़हमत भी नही उठाया होगा।

पुलिस यह मान कर बैठ गई कि लड़की खुद से भागी है, लिहाजा ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। इस दौरान एक दिन बीत गया, लेकिन शीबा का इसके बाद भी कुछ अता पता नहीं चला। इस बीच 23 जुलाई को उस वक्त पुलिस के होश उड़ गए, जब उन्हें थाना नानपारा कोतवाली अंतर्गत नानपारा रूपेडिहा मार्ग पर हांडा बसेहरी गांव के पास झाड़ियों में एक युवती की सिर कटी लाश मिली। शव का हाथ भी कटा हुआ था। ऐसे में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये पता लगाने की थी कि आखिर ये लड़की कौन है, जिसकी हत्या हुई है।

एसपी वृंदा शुक्ला ने इस मामले के खुलासे के लिए ट्रेनी पुलिस क्षेत्राधिकारी हर्षिता तिवारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था। इसके बाद इस जांच टीम ने अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए पिछले कुछ दिनों के दौरान गुमशुदा लड़कियों की जानकारी ली, लेकिन पुलिस को कामयाबी नहीं मिल सकी। पुलिस ने वापस अपनी तफ्तीश उसी लाश के सहारे शुरू की। पुलिस ने पाया कि लावारिस हालत में मिली लाश के पैर में एक धागा बंधा हुआ था।

पुलिस ने आसपास के थानों से गुमशुदा लड़कियों के बारे में जानकारी हासिल की। फाइलें खंगालते हुए पुलिस की नजर 22 जुलाई को हुई शीबा की कंपलेंट पर गई। पुलिस ने जब शिकायत को ध्यान से पढ़ा तो उसमें ये लिखा था कि शीबा के दाहिने पैर में काले रंग का धागा बंधा हुआ था। पुलिस ने जो शव बरामद किया, उसके भी दाहिने पैर में काला धागा बंधा था। ऐसे में पुलिस को शक हुआ कि हो न हो ये लाश शीबा की हो सकती है।

पुलिस ने शीबा के मामा-मामी को शिनाख्त के लिए मॉर्चुरी बुला लिया। यहां पहुंचे शीबा के परिजनों ने आखिरकार युवती की पहचान कर ली। अरुण शुरु से ही शक के घेरे में था, क्योंकि शीबा के मामा-मामी पहले ही उस पर शक जाहिर कर चुके थे। अरुण के घर पर पुलिस ने दबीश दी लेकिन वो वहां पर मौजूद नहीं था। बाद में मुखबिरों की जानकारी पर उसे घर से कुछ दूर ही गिरफ्तार कर लिया गया। जब पुलिस ने अरुण से गहनता से पूछताछ की तो सारा राज खुल गया।

दरअसल, पूछताछ के दौरान अरुण ने कुबूल किया कि उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर शीबा की हत्या की और फिर उसके सिर और हाथ को काट कर नहर में फेंक दिया। अरुण ने बताया कि वो शीबा से प्यार करता था। अरुण जब हाई स्कूल में पढ़ाई करता था, तब शीबा कक्षा 8 में पढ़ती थी। दोनों एक-दूसरे से करीब 1 साल से जानते थे और प्यार करते थे। अरुण भी अपने मामा के यहां रहा करता था। बाद में अरुण अपने मामा के ही गांव के निकट चरदा जमोग चौराहे पर एक मेडिकल स्टोर पर काम करने लगा, जहां शीबा भी उससे मिलने आती थी।

इसी दौरान आरोपी अरुण की शादी तय हो गई, और शायद उसका शीबा से मन भर गया होगा, जिसके बाद वह शीबा से अलग होना चाहता था, लेकिन शीबा इसके लिए तैयार नहीं थी। इसे लेकर दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। शीबा बार-बार उस पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी। दूसरी तरफ, अरुण के घरवाले उस पर दूसरी लड़की से शादी करने का दबाव डाल रहे थे। इन सबके बीच अरुण परेशान हो गया और तभी उसने तय किया कि उसकी परेशानी की वजह शीबा ही है और वो शीबा को रास्ते से हटा देगा।

अपनी इस साजिश में उसने अपने एक दोस्त को शामिल कर लिया। अरुण ने अपने दोस्त कुलदीप विश्वकर्मा निवासी गंगापुर थाना रूपेडिहा के साथ मिलकर शीबा को 22 जुलाई को संदीप जायसवाल के भठ्ठे पर बुलाया। शीबा उसके पास आ गई। वो बाइक से उसे गांव से थोड़ी दूर पर ले गया और झाड़ियों में ले जाकर गला दबा कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसका सिर और हाथ काट दिए। उसके कपड़े उतार दिए।

ऐसा अरुण ने इसलिए किया, ताकि उसकी पहचान न हो सके। बाद में उसने शीबा का सिर, हाथ और कपड़े नहर में फेंक दिए। आरोपियों ने अपने फोन भी नहर में फेंक दिए थे।  पुलिस ने शीबा का शव 23 जुलाई को बरामद किया था। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि जांच के दौरान दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यूं तो शीबा की पहचान हो ही चुकी है। मगर कोर्ट में पुख्ता साक्ष्य रखने के लिये पुलिस अब लड़की की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लेगी। साथ ही अरुण और कुलदीप के कपड़ो पर मिले खून के धब्बे का शीबा की लाश से डीएनए करवाया जाएगा।

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