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सेबी प्रमुख माधवी बुच के बयान पर जवाब देते हुवे हिडेनबर्ग ने उठाये गंभीर मुद्दे

फारुख हुसैन

डेस्क: हिंडनबर्ग ने बाज़ार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर रविवार रात एक बार फिर सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दस्तावेज़ों के साथ एक पोस्ट करते हुए कुछ दावे भी किए। हिंडनबर्ग ने बुच के बयान वाले एएनआई के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘हमारी रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच की प्रतिक्रिया में कई ज़रूरी बातें स्वीकार की गई हैं। और कई नए महत्वपूर्ण सवाल भी खडे़ हुए हैं।’

दरअसल अमेरिकी शॉर्ट सेलर फ़ंड हिंडनबर्ग ने शनिवार को व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़ों का हवाला देते हुए कहा था कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन ऑफ़शोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अदानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई थीं। रविवार शाम सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने दो पन्नों का एक बयान जारी कर हिंडनबर्ग के दावों पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में जिस फ़ंड का ज़िक्र किया गया है, उसमें 2015 में निवेश किया गया था और ये माधबी के सेबी का सदस्य बनने से दो साल पहले का मामला है। सेबी चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन किया था। सेबी ने 10 अगस्त, 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर एक बयान जारी कर कहा कि निवेशकों को शांति बनाए रखनी चाहिए और ऐसी रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देने से पहले उस जानकारी का सही से आकलन कर लेना चाहिए।

हिंडनबर्ग ने कहा कि माधबी बुच के जवाब से पुष्टि होती है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फ़ंड में निवेश था। जिसका पैसा विनोद अदानी ने इस्तेमाल किया। उन्होंने (माधबी) पुष्टि की है कि ये फ़ंड उनके पति के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो तब अदानी के डायरेक्टर थे। अदानी से संबंधित निवेश फ़ंड की जांच की ज़िम्मेदारी सेबी को दी गई थी। इसमें माधबी के व्यक्तिगत निवेश वाले फ़ंड शामिल थे।

बुच के बयान में ये भी दावा किया गया है कि वो दोनों कंसल्टिंग कंपनियों से 2017 में सेबी में नियुक्त होते ही हट गईं। लेकिन 31 मार्च, 2024 की शेयर होल्डिंग बताती है कि अगोरा एडवाइजरी (इंडिया) में माधबी की 99 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है, न कि उनके पति की। वो अब भी एक्टिव हैं और कंपनी में कमाई कर रही हैं।

सिंगापुर के रिकॉर्ड्स के अनुसार, मार्च 2016, 2022 के वक्त तक माधबी की अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी। मतलब सेबी में पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए। उन्होंने सेबी का चेयरपर्सन बनने के दो हफ्ते बाद अपने शेयर पति के नाम ट्रांसफर कर दिए। अगोरा एडवाइजरी ने वित्त वर्ष (2022, 2023 और 2024) में 2।3 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। जबकि वो इस दौरान सेबी की चेयरपर्सन भी हैं।

बुच ने सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए अपने पर्सनल ई-मेल आईडी से पति के नाम का इस्तेमाल कर बिजनेस किया। व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़ों के अनुसार, 2017 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले उन्होंने ये सुनिश्चित किया कि अदानी से जुड़े अकाउंट ‘केवल उनके पति धवल बुच के नाम पर पंजीकृत हों।’

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