तारिक आज़मी
वाराणसी: वाराणसी के बेनियाबाग़ स्थित नावेद काम्प्लेक्स निवासी मशहूर बिल्डर नूर आलम को कल बृहस्पतिवार के दिन अदालत में पुलिस द्वारा पेश करते हुवे ही अदालत ने मुचलके पर रिहा करने का हुक्म जारी कर दिया और नूर आलम रिहा हो गए। ज़मानत पर बहस करने के लिए मशहूर अधिवक्ता महेंद्र पाण्डेय और जेठा ने अदालत में पक्ष रखा।
जिसके उपरांत बुद्धवार को एक हाईटेक तरीके से पानदरीबा चौकी इंचार्ज सुफियान खान ने दल बल के साथ छापेमारी किया और नूर आलम को गिरफ्तार कर लिया। बिल्डर नूर आलम के परिजनों को इस मामले में आश्वस्त नही करवाया गया कि NBW इस कारण से हुआ है, जिसके वजह से नूर आलम के भाई और भांजे ने पुलिस से गिरफ़्तारी का विरोध किया। जिसके फलस्वरूप नूर आलम के एक भाई और उनके भांजे को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिनका कल बृहस्पतिवार को शांति भंग में चालान कर दिया गया।
बुद्धवार को तमाम वकीलों की मौजूदगी में दिन भर चले बातचीत के दौर के बाद कल बृहस्पतिवार को पुलिस ने नूर आलम को उपरोक्त NBW में अदालत में पेश किया। अदालत में पेशी के बाद अधिवक्ताओं ने गिरफ़्तारी को अवैध बताते हुवे अदालत में इस सम्बन्ध में हाई कोर्ट की रूलिग़ पेश किया। जिसके आधार पर अदालत ने नूर आलम को निजी मुचलके पर रिहा करने का हुक्म जारी किया और नूर आलम की रिहाई हुई।
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