संजय ठाकुर
डेस्क: हरियाणा के चरखी दादरी के बाढड़ा इलाके़ में गोरक्षा से जुड़े कुछ लोगों ने बंगाल के एक कूड़ा बीनने वाले मुस्लिम व्यक्ति की कथित तौर पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना 27 अगस्त की है। इस घटना को लेकर सियासी माहोल गर्म है। पीड़ित व्यक्ति अपने परिवार के साथ चरखी दादरी की एक झुग्गी में रहता था। व्यक्ति का नाम साबिर मलिक बताया जा रहा है, जो मूल रूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना ज़िले का रहने वाला था।
पुलिस द्वारा दर्ज इस घटना से सम्बन्धित एफ़आईआर के मुताबिक़ साबिर के रिश्तेदार शबरुद्दीन से जब पूछा गया कि क्या मांस का टुकड़ा बीफ़ ही है, तो उन्होंने उसे भैंस के मांस का टुकड़ा बताकर उनकी गिरफ्त से छूटकर भागना चाहा। इस पर गोरक्षक दल से जुड़े लोग उन्हें पकड़कर वापस ले आए और कैमरे के सामने उसे कुबूल करवाया कि वो बीफ़ का ही टुकड़ा है। गोरक्षकों ने इसकी सूचना बाढ़डा पुलिस को भी दी। इसके बाद पुलिस मौके़ पर पहुंची और मांस के टुकड़े के साथ कुछ लोगों को पुलिस स्टेशन ले गई।
शिकायतकर्ता सजाउद्दीन सरदर ने बताया कि वो और उनका रिश्तेदार साबिर मलिक बाढ़डा के जुई रोड पर मौजूद झुग्गी में रहते हैं। साबिर की शादी उनकी बहन सकीना से हुई थी। उनका काम कचरा बीनना था। वो बताते हैं, ‘27 अगस्त के दिन कुछ लोग आए। वो मुझे और मेरे साथ कचरा बीनने वाले लोगों से बोलने लगे कि तुम लोग मंगलवार के दिन भी मांस खाते हो या हो सकता है ये बीफ़ हो। हमें थाने ले जाया गया। तभी कुछ लड़के मेरे जीजा साबिर मलिक को बस स्टैंड ले गए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘उससे (साबिर) कहा गया कि कुछ कबाड़ का सामान देना है। साबिर को बस स्टैंड पर बुलाने के बाद एक और शख्स असीरुद्दीन को भी वहां बुला लाए और वहां चार-पांच लड़कों ने उन दोनों के साथ मारपीट की। वो उन्हें सबके सामने मोटरसाइकिल पर उठाकर ले गए। मेरे जीजा और असीरुद्दीन को उन लोगों ने डंडों से पीटा। इसका वीडियो भी मैंने देखा है।’ असीरुद्दीन ने बताया कि पुलिस के साथ गोरक्षक पुलिस स्टेशन गए। इन्होंने यहां झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने का दबाव बनाया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद साबिर मलिक को बाढ़डा बस स्टैंड के पास बुलाकर डंडों से पीटा गया। जब स्थानीय लोगों ने बीच बचाव किया तो गोरक्षक दल के लोग साबिर को मोटरसाइकिल पर बिठाकर अपने साथ ले गए। एफ़आईआर के मुताबिक़ 27 अगस्त की रात एक अनजान व्यक्ति का शव भांडवा गांव के पास मिला। बाद में इस शव की पहचान साबिर मलिक के तौर पर की गई। बाढ़डा पुलिस ने 28 अगस्त को मृतक साबिर मलिक के रिश्तेदार सजाउद्दीन सरदर की शिकायत पर सात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। इनमें दो नाबालिग़ हैं।
इनके ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। 29 तारीख को पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ़्तार किया, इनमें से दो नाबालिग़ हैं। जिन अभियुक्तों को पकड़ा गया, पुलिस ने उनके नाम भी सार्वजनिक कर दिए हैं। दोनों नाबालिग़ों को सुधार गृह भेज दिया गया है, जबकि बाकी सभी अभियुक्त फिलहाल पुलिस रिमांड पर हैं। लाठी-डंडों से व्यक्ति को पीटे जाने की इस घटना का एक वीडियो 31 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें कुछ युवक 24 साल के साबिर मलिक को डंडों से पीटते दिख रहे हैं और कुछ स्थानीय लोग बीच-बचाव करते हुए नज़र आ रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चरखी दादरी की इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पार्टी नेताओं से पीड़ित परिवार से मिलकर मुआवज़ा देने की बात कही है। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस घटना को मॉब लिंचिंग कहना ग़लत होगा। उन्होंने कहा ‘लोगों की गाय के प्रति आस्था है और इसे लेकर प्रदेश में सख्त क़ानून भी है, इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मैं कहना चाहता हूं कि इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसी घटना स्वीकार्य नहीं है।’
वहीं नूंह से कांग्रेस विधायक आफ़ताब अहमद ने घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, ‘हरियाणा में क़ानून व्यवस्था नाम की चीज़ बची ही नहीं है। ग़रीब कूड़ा बीनने वाले को शिकार बनाया गया, जो चिंताजनक है। ये घटना तीन-चार दिन पहले की है और इसका पता लगने में इतना समय क्यों लगा?’ इस घटना पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, ‘चरखी दादरी में गोमांस ख़ाने के शक़ में एक ग़रीब युवक की पीट-पीट कर नृशंस हत्या मानवता को शर्मसार और क़ानून के राज की पोल खोलती है।’
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी नासिक में बीफ़ के शक़ में बुज़ुर्ग की पिटाई और चरखी दादरी में हुई घटना के बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘भीड़ की शक्ल में छिपे हुए नफ़रती तत्व कानून के राज को चुनौती देते हुए खुलेआम हिंसा फैला रहे हैं। अल्पसंख्यकों, ख़ासकर मुसलमानों पर लगातार हमले जारी हैं और सरकारी तंत्र मूक दर्शक बना देख रहा है।’ उन्होंने दोनों मामलों में कड़ी कर्रवाई की मांग की। उन्होंने लिखा, ‘ऐसे अराजक तत्वों के ख़िलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई कर क़ानून का इकबाल क़ायम किया जाना चाहिए।’
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