तारिक खान
डेस्क: इसराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष को देखते हुए अमेरिका, यूरोपियन यूनियन (ईयू) और सहयोगी देशों ने अपनी ओर से तुरंत प्रभाव से 21 दिनों के युद्धविराम की पेशकश की है। 11 सहयोगी देशों ने इस मसले का हल निकालने और ग़ज़ा में युद्धविराम की पेशकश की है। अमेरिका, ईयू और सहयोगी देशों ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि इन देशों (इसराइल, लेबनान, फ़लस्तीन) देशों के बीच दुश्मनी अब बर्दाश्त से बाहर है। इससे पूरे क्षेत्र में युद्ध बढ़ने का ख़तरा पैदा हो गया है। ये न तो लेबनान के लोगों और न इसराइल के लोगों के हित में।
इससे पहले इसराइल और लेबनान की बॉर्डर पर जारी संघर्ष के बीच अमेरिका और अन्य देशों ने युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा है। लेकिन इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसराइली सेना को पूरी ताकत से युद्ध लड़ते रहने के लिए कहा है। 12 अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी देशों ने इस युद्ध को रोकने का आह्वान किया है।
जिसके जवाब में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के ऑफिस ने कहा है, ‘युद्ध विराम की खबर में कोई सच्चाई नहीं है। ये अमेरिका और फ्रांस का प्रस्ताव है, जिसका अभी तक प्रधानमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया है। उत्तरी भाग में संघर्ष को कम करने के निर्देश की ख़बर भी ग़लत है।’
उन्होंने कहा कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने इसराइल डिफेंस फोर्स को पूरी ताकत से युद्ध लड़ने पर ज़ोर दिया है। और गज़ा में भी तब तक संघर्ष जारी रहेगा जब तक युद्ध का मकसद पूरा नहीं होता है।’
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