ईदुल अमीन
डेस्क: बिलकिस बानो मामले में अपने ख़िलाफ़ टिप्पणियों को चुनौती देने वाली गुजरात सरकार की समीक्षा याचिका गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है। भारत की सर्वोच्च अदालत ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार और उनके परिवार वालों की हत्या के मामले में सज़ा पाए 11 दोषियों की सज़ा में छूट देकर रिहा करने के गुजरात सरकार के फ़ैसले को रद्द कर दिया था।
गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो केस में 10 अगस्त 2022 को सारे 11 अपराधियों की सज़ा माफ़ करके उन्हें रिहा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के इस फ़ैसले को ग़लत बताया था। कोर्ट ने कहा था कि गुजरात सरकार ने 11 में से एक अपराधी के साथ ‘मिलकर काम किया है और मिलीभगत की है।’
गुजरात सरकार ने कहा था कि उसे लेकर न्यायालय की टिप्पणियां अनुचित थीं और पूर्वाग्रह से प्रेरित थीं। गुजरात सरकार ने अपनी समीक्षा याचिका में ये दावा किया कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के मई 2022 के निर्देश के अनुसार ही कदम उठाए थे। गुजरात सरकार ने ये तर्क भी दिया कि उस पर महाराष्ट्र राज्य के अधिकार क्षेत्र छीनने का आरोप लगाना गलत है, क्योंकि वह न्यायालय के आदेश के मुताबिक़ ही काम कर रहा था।
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