यश कुमार
डेस्क: कालेज में पढने वाली 21 साल की छात्रा से उसके रूम में जाकर दुष्कर्म करने के आरोपी भाजपा कार्यकर्ता विजय रादडिया ने अदालत में सरेंडर कर दिया। अपराध दर्ज होने के 40 दिनों तक दुष्कर्म आरोपी भाजपा कार्यकर्ता को गुजरात पुलिस तलाश रही थी, मगर पकड़ने में असफल रही। आखिर उसने पुलिस की आँखों में धुल झोक कर खुद को अदालत में हाज़िर कर दिया। अदालत ने उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
युवती ने बताया कि वो संस्थान में ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रही थी और कैंपस के एक हॉस्टल में भी काम कर रही थी। मधु थधानी और विजय रादड़िया की संस्थान के तत्कालीन मैनेजिंग ट्रस्टी से दोस्ती थी। इसीलिए वो अक्सर कैंपस में आया करते थे। ऍफ़आईआर के मुताबिक़, जून 2023 से मधु और विजय ने कथित तौर पर उसे ‘आंख मारना और मुस्कुराना’ शुरू कर दिया। लगभग 15 दिन बाद मधु ने उसे फ़ोन किया। कॉलेज न जाने और अपने कमरे में रहने के लिए कहा। इसके बाद दोनों व्यक्ति कथित तौर पर उसके कमरे में गए, उसे धमकाया और बारी-बारी से उसके साथ रेप किया।
ऍफ़आईआर में युवती ने ये भी आरोप लगाया कि मधु ने कहा कि संस्थान के तत्कालीन मैनेजिंग ट्रस्टी को सब कुछ पता था। मधु यधानी ने इसके बाद भी उसका यौन उत्पीड़न किया। मई, 2024 में वो आगे की पढ़ाई के लिए सूरत चली गई। लेकिन मधु ने फिर भी उससे दो बार मुलाक़ात की, आख़िरी बार 12 जुलाई को। इस दौरान भी मधु यधानी ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे धमकाया। उससे शादी करने के लिए कहा और चेतावनी दी कि वो उसे किसी और आदमी से सगाई नहीं करने देगा। मधु पेशे से किसान और बिल्डर है। मधु को 2 अगस्त, 2024 को गिरफ़्तार किया गया था। वो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
इस बीच, विजय रादड़िया फरार हो गया था। उसने 26 जुलाई को राजकोट डिस्ट्रिक्ट एंट सेशल कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की अर्जी दी थी। याचिका का विरोध करते हुए राजकोट ग्रामीण पुलिस ने अपने हलफ़नामे में कहा, ‘आरोपी याचिकाकर्ता की पत्नी राजकोट ज़िला पंचायत की सदस्य हैं। वो ख़ुद राजनीतिक रूप से प्रभावशाली है और इसलिए अग्रिम ज़मानत नहीं दी जानी चाहिए। क्योंकि अगर उसे अग्रिम ज़मानत दी जाती है, तो वो गवाहों को प्रभावित करने और सज़ा से बचने की कोशिश करेगा।’
इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 3 सितंबर को विजय रादड़िया की ज़मानत याचिका खारिज कर दी। फिर 5 सितंबर को उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। उसे गिरफ़्तार किया गया और 6 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 9 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इस बीच, राजकोट के भाजपा नेताओं का कहना है कि मामले के बारे में पार्टी हाईकमान को बताया जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, भाजपा की राजकोट ज़िला इकाई के महासचिव हरेश हेरभा ने कहा, ‘चूंकि वो हमारे कार्यकर्ता हैं, इसलिए हम इस मामले की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को देंगे। आगे की कार्रवाई के लिए उनसे मार्गदर्शन मांगेंगे।’ वहीं, शैक्षणिक संस्थान के मौजूदा मैनेजिंग ट्रस्टी ने कहा कि वो जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। विक्टिम को न्याय दिलाने के लिए पूरी शक्ति से काम किया जा रहा है। परिसर में 200 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और बाहरी लोगों को परिसर में एंट्री की अनुमति नहीं है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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