शफी उस्मानी
डेस्क: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप के बाद मर्डर केस की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हुई। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पर्दीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को कल शाम 5 बजे तक काम पर वापस जाने का आदेश दिया है।
कहा कि ‘राज्य के सभी ज़िला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए इंतज़ाम सुनिश्चित करें। इसमें महिला और पुरुष डॉक्टर्स के लिए अलग-अलग ड्यूटी रूम, टॉयलेट और सीसीटीवी कैमरों को लगाया जाना शामिल है।’
उन्होंने कहा कि अगर रेज़ीडेंट डॉक्टर्स 10 सितम्बर की शाम पांच बजे से पहले तक वापस काम पर लौट जाते हैं तो राज्य सरकार उन पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘अभी तक अस्पतालों में 23 लोगों की मौत इसलिए हो चुकी है क्योंकि डॉक्टर काम पर नहीं लौट रहे हैं। इसका ख़ामियाज़ा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।’
सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा की फ़ॉरेंसिक जांच में कई गंभीर चूक हुई हैं। एफ़आईआर को लेकर सीजेआई ने कहा कि एफ़आईआर दायर करने में कम से कम 14 घंटों की देरी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 17 सितम्बर तक नई जांच रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं।
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