Varanasi

जलकल के जीएम साहब….! लोहता के रहीमपूरा में सीवर बह नही रहा उबल रहा है, तनिक अपने अधिनस्थो से कह दे सफाई करवा दे…..!, सच कहे सीवर ‘छी-बल’ हो गया है

तारिक आज़मी

वाराणसी: स्मार्ट सिटी वाराणसी के सुपर स्मार्ट नगर निगम की सीमा क्षेत्र तो बढ़ गई है। मगर नए जुड़े वार्ड की यह स्थिति है कि मूलभुत समस्याओं को लेकर भी अधिकारियो का मुह ताकता रहता है। ऐसा ही एक वार्ड है नवसृजित लोहता वार्ड जिसका पुरसाहाल कोई नही है। हालत ऐसे है कि कही बजबजाता सीवर और कही उखड़े हुवे चौके। कूड़े के अम्बार की बात ही न पूछे।

लोहता के रहीमपुरा इलाके में कोई ऐसी गली नही है जहा सीवर बजबजा नही रहा है। हालत इतने हुवे है कि रस्ते में सीवर बह रहा है कि सीवर में रास्ता है कहना मुश्किल है। शिकायत करे तो करे किस्से और कहे तो कहे किस्से। पार्षद खुद भी परेशान है और गुहार लगा रहे है। हाल ऐसा है कि पार्षद परेशान होकर खुद ही अपने समर्थको के साथ धरना तक देने लगते है। मगर विभाग है कि उसके कान पर जू तक नही रेंगती है।

हमसे एक स्थानीय निवासी सलीम लोह्तवी ने बताया कि रहीमपूरा ही नही बल्कि पुरे वार्ड में स्थिति जर्जर हो चुकी है। कूड़े कई कई दिन नही उठते है। कूड़ाखाना बजबजाता रहता है। मगर कोई अधिकारी इसका संज्ञान ले ले यह संभव नही लगता है। एक अन्य स्थानीय निवासी आज़िमुल्लाह ने कहा कि हम तो खुश हुवे थे कि हमारा इलाका नगर निगम की परिधि में आया है। अब जमकर विकास होगा। मगर हमको तो लगता है कि जिस प्रकार का विकास हो रहा है उससे बेहतर तो हम लोग गाँव की परिधि में थे।

इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय नागरिक गुलज़ार ने बताया कि हर बार शिकायत करो तो एक महीने में सीवर साफ़ होता है। उसके महज़ दस से पंद्रह दिनों में दुबारा बहने लगता है। पूरा रहीमपुरा गन्दगी के कारण महामारी के मुह में बैठा है और कभी भी महामारी का शिकार हो सकता है। मगर ज़िम्मेदार अधिकारी इसकी सुध नही लेते है। काम के नाम पर फर्रती से थोडा कचरा साफ़ कर दिया जाता है। जबकि मशीन के द्वारा यहाँ सफाई की आवश्यकता है।

बहरहाल साहब, हमारा गुज़र रहीमपुरा के तरफ हुआ। वह तो एक चचा ने हमको बचा लिया नही तो हम खुद ही भुदुक से पनारा के अन्दर घुस गए होते। सीवर तो गुरु ऐसा ज़बरदस्त बह रहा है कि हम खुद ही अपना होश खो बैठे और कहने लगे कि ‘छीबल बे ल है, छाब छाफ कलवा दे।’ तबाही पनारू च बताये कि बाबु तुम बड़े हो गए हो और तनिक आगे बढोगे तो बुढवा की श्रेणी में आ जाओगे। तब हमको होश आया कि हम बच्चा नही है अभी।

ज़मीनी हकीकत आपको बताते चले कि पुरे रहीमपुरा में कोई ऐसी गली नही है जहा सीवर बह नही रहा है। हर गली में सीवर का पानी सीवर से निकल कर गलियों में अपने होने का अहसास करवा रहा है। ऐसे में यह कहना कही से भी गैर वाजिब नही होगा कि नगर निगम अपने कर्तव्यों का निर्वहन नही कर रहा है। स्थानीय जेई केवल कागज़ी घोड़े दौड़ा रहे है। अगर ये विकास है तो फिर इससे बेहतर तो तब था जब यह इलाका ग्रामीण क्षेत्र का हिस्सा था।

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