तारिक खान
डेस्क: बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है। बीते पांच अगस्त को छात्र आंदोलन और विरोध की वजह से शेख़ हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और वो देश छोड़कर भारत आ गई थीं। तब से वो भारत में रह रही हैं।
आईसीटी ने एक मामले में शेख़ हसीना की गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया, जबकि दूसरी याचिका के तहत आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल क़ादर समेत 45 लोगों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया गया। इनमें लेखक और शिक्षाविद् प्रोफेसर जफ़र इकबाल और पूर्व न्यायाधीश शम्सुद्दीन चौधरी माणिक भी शामिल हैं।
गुरुवार को ट्राइब्यूनल के अध्यक्ष मो। गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश जारी किया। बाद में, ट्राइब्यूनल के मुख्य सरकारी वकील ताजुल इस्लाम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्राइब्यूनल, वही ट्राइब्यूनल है जिसमें साल 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवीय अपराधों की सुनवाई की गई थी।
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