ईदुल अमीन
डेस्क: आम जनता अगर जुगाड़ से काम निकले तो समझ में आता है। मगर जब क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई जैसी संस्थाए जुगाड़ लगाने लग जाए तो हंसी निकलना वाजिद है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने एक देसी जुगाड़ का प्रयोग किया। मगर प्रयोग असफल रहा वर्ना आज इस देसी जुगाड़ का पेटेंट बिहार की सरकार के पास होता।
दरअसल, बिहार और कर्नाटक के बीच 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक मैच खेला जाना है। शनिवार, मैच के पहले दिन का खेल ख़त्म होने तक बिहार की पहली पारी 143 रन पर सिमट चुकी थी। जवाब में कर्नाटक ने बिना कोई विकेट खोये 16 रन बना लिए थे। और आगे जब रविवार को दूसरे दिन खेल शुरू होना था तो नौबत उपले सुलगाने की नौबत आ गई। हालांकि, ये जुगाड़ कामयाब न हो सका। पिच सूख नहीं पाई। पहले खेल को लंच तक रोका गया। और फिर पूरे दिन का ही खेल रद्द कर दिया गया।
घटना की तस्वीर जब सामने आई तो जनता ने बीसीसीआई और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर सवाल उठाए। और कुछ ने इस देसी जुगाड़ की तारीफ़ भी की। वैसे बिहार में पिच सुखाने का नायाब नुस्ख़ा पहली बार इस्तेमाल नहीं हुआ है। ये 1996 में इसी मोइनुल हक स्टेडियम में विश्वकप का मैच जिम्बाब्वे और केन्या के बीच खेला जाना था। और मैच से पहले हो गई भारी बारिश। फिर क्या था! पिच सुखाने के लिए मैदान के ऊपर हेलीकॉप्टर के चक्कर कटवाने के आदेश दिए गए।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स की मानें तो आदर्श स्थिति में पिच सुखाने के लिए सुपर सॉपर रोलर, सबएयर ड्रेनेज सिस्टम, और फायर स्टीम हीटर का इस्तेमाल किया जाता है। फ़िलहाल इस मामले में अपडेट ये है कि मैच फिर से शुरु हो गया है । ख़बर लिखे जाने तक कर्नाटक ने पहली पारी में तीन विकेट खो कर 133 रन बना लिए हैं।
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