तारिक आज़मी
डेस्क: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 10 वर्षो के बाद हुआ है। एक तरफ भाजपा इस राज्य में सरकार बनाने का सपना देख रही थी। वही दूसरी तरफ पीडीपी भले ही इंडिया गठबंधन के साथ थी, मगर अपनी सियासी ज़मीन को भी मापना चाहते हुवे उसने अलग चुनाव लड़ा। मगर चुनावी नतीजो के साफ़ होते रुझानो ने भाजपा को जहा झटका दिया है, वही महबूबा मुफ़्ती को भी धरातल पर लाकर पटक दिया है।
वही दुसरे तरफ भाजपा की बात करे तो भाजपा ने जिस 370 और कश्मीरी पंडितो के मुद्दे को पुरे देश में भुनाने की कोशिश किया वही भाजपा लोकसभा चुनाव में घाटी में अपने प्रत्याशी नही उतारती है। दुसरे तरफ आ रहे चुनावी नतीजो के रुझान बताते है कि कश्मीर में तो भाजपा कही खडी नही हो सकी है, वही जम्मू में भी भाजपा को झटका लगा है। जम्मू में आ रहे नतीजो के रुझान बताते है कि जम्मू में कश्मीरी पंडितो के भी मत भाजापा को एकतरफा नही मिल सके है।
सब मिला कर यह देखने को रुझानो में मिल रहा है कि जम्मू में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेस के गठबंधन ने 50 सीट पर बढ़त बनाया हुआ है। वही भाजपा को० 28 सीट पर बढ़त है। जबकि पीडीपी के खाते में 3 सीट और अन्य को 10 सीट मिलती दिखाई दे रही है।
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