तारिक आज़मी
वाराणसी: वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र स्थित रेवड़ी तालाब इलाके में कल बृहस्पतिवार की रात को फरसे से कई मुस्लिम समाज के लोंगो पर जानलेवा हमला करने का आरोपी नेपाल निवासी प्रकाश मांझी को आज समस्त विधिक कार्यवाही कर पुलिस ने अदालत में पेश किया। जहाँ अदालत ने पुलिस की रिमांड स्वीकृत करते हुवे उसे जेल भेज दिया है। रिमांड के दरमियान अब पुलिस उससे पूछताछ कर सकती है।
बताते चले की कल देर शाम रेवड़ी तालाब स्थित पार्क के पास हाथो में फरसा लेकर एक युवक अचानक सड़क पर मुस्लिम समाज के लोंगो पर हमलावर हो गया। स्थानीय नागरिको द्वारा प्रद्दत जानकारी के अनुसार उसने सबसे पहले अंसार चिकेन शाप के मालिक अंसार कुरैशी जो अपने दुकान पर बैठे थे, पर फरसे से हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये और उनका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है। अंसार कुरैशी की हालत खबर लिखे जाने तक गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है।
इसके बाद अंसार चिकेन से आगे बढ़ कर तिराहे पर आये प्रकाश मांझी ने रास्ता चलते मिर्ज़ापुर निवासी शाहिद, रामपुर निवासी इश्तियाक अहमद, अरशद जमाल और तनवीर अशरफ को फरसे से जानलेवा हमला करके घायल कर दिया। इस दरमियान मामले की जानकारी किसी ने पुलिस को प्रदान कर दिया था। तभी स्थानीय युवको ने प्रकाश मांझी को पकड़ लिया और मौके पर आई पुलिस के हवाले कर दिया। जिसके बाद स्थानीय नागरिको ने भेलूपुर थाने पर लिखित तहरीर दिया जिसके आधार पर मामला दर्ज कर पुलिस प्रकाश मांझी से पूछताछ करने लगी।
उडती रही रात भर अफवाहे
बीती रात अमन और सुकून की फिजा के लिए प्रकाश मांझी ज़हरीली तो कर ही देता। पूरी रात घायलों के देहांत की अफवाहे उडती रही। पुलिस को अंततः इन अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए प्रेस नोट रात को ही जारी करना पड़ा वही शहर क़ाज़ी ने भी अमन के लिए अपील जारी किया। चल रहे इलाज के दरमियान अंसार की स्थिति गंभीर अभी भी बताया जा रहा है। अंसार के परिजनों ने बताया कि वह अभी होश में नही आये है और उन्हें आईसीयु में रखा गया है।
क्या रिमांड के दरमियान मिल पायेगा पुलिस को इन अनसुलझे सवालो का जवाब
प्रकाश मांझी की हिरासत के बाद पूरी रात पुलिस और अन्य विभाग ने उससे पूछताछ किया। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह पूरी रात कोई मुतमईन करने वाला जवाब नही दे रहा था। उसने अपने अपने बारे में बताया कि वह डांगर जिला के मोरंग निवासी सत्यनारायण मांझी का वह बेटा है। पुलिस सूत्र के अनुसार प्रकश मांझी ने पूछताछ में बताया कि वह एक सप्ताह पहले वाराणसी आया है। उसके पहले वह ओड़िसा में रहता था। इन सबके बीच कई सवाल अनसुलझे है।
बनारस में कहा रहता और क्या करता है?: पुलिस सूत्र बताते है कि पुलिस पूछताछ में प्रकाश मांझी ने बताया है कि वह एक सप्ताह पहले बनारस आया है और इधर उधर काम करके घाट पर सो जाता है। अब सवाल ये उठता है कि एक सप्ताह से इधर उधर यानी किधर वह काम करता है और क्या करता है? घाट पर एक सप्ताह से सोने वाले प्रकश मांझी का सामान कहा है। बेशक अगर वह ओड़िसा से एक सप्ताह पहले आया है तो उसके पास सामान यानी कम से कम पहनने के कपडे आदि तो होंगे ही, तो वह सामान कहा है उसका? फिलहाल इस सवाल का जवाब पुलिस के पास नही है। पुलिस इस सवाल के जवाब को कब तक तलाशती है और उसके सामान को तथा रिहाइश की तस्दीक भी पुलिस को करना है।
कहा से आया घटना से पहले ?: घटना के बाद अफवाहों एक बाज़ार गर्म थे। इसी क्रम में कल बृहस्पतिवार को अफवाह उडी कि वह बाइक से आया था। मगर कुछ ही देर में उसके आने की सीसीटीवी फुटेज वायरल होने लगी। वायरल फुटेज में वह ई-रिक्शा से आता है और पैदल रेवड़ी तालाब के तरफ बढ़ जाता है। अब ऐसी स्थिति में जब इस बात की पुख्ता जानकारी नही है कि वह कहा रहता है, तो ई-रिक्शा से वह कहा से आया ये भी बड़ा सवाल है।
कहा से मिला उसको फरसा?: प्रकाश मांझी ने फरसे से सभी पर हमला किया है। जिस सीसीटीवी फुटेज में प्रकाश मांझी ई-रिक्शा से आता हुआ दिखाई दे रहा है, उसमे साफ़ साफ़ देखा जा सकता है कि प्रकाश मांझी खाली हाथ आया है। उसने रिक्शा वाले को पैसे दिए है और खाली हाथ ही घटना स्थल के तरफ पैदल आगे बढ़ा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि उसके पास फरसा कहा से आया।
भेलूपुर थाना प्रभारी निरिक्षक इस एंगल पर तवज्जो दे रहे है कि अंसार चिकेन शाप से थोडा पहले भेलूपुर थाने के तरफ उसने एक दूकान से फरसा उठा लिया होगा। या फिर कही सड़क अथवा मकान का कार्य चल रहा होगा वह से फरसा उठा लिया होगा, हो सकता है शायद सही हो। मगर सवाल ये है कि अमूमन मजदूरों का फरसा महंगा होता है और वह उसका ख्याल रखते है। ऐसे ही लावारिस की तरह नही छोड़ देते है। इस स्थिति में प्रकाश मांझी के हाथो में फरसा कैसे आया और कहा से आया इसकी तस्दीक भी पुलिस को करना है।
क्या है प्रकाश मांझी की मानसिक स्थिति: पुलिस के लिए सबसे गंभीर सवाल यही भविष्य में होने वाला है। क्योकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता का पूरा प्रयास होगा कि वह अभियुक्त को मानसिक बीमार साबित कर सके। मगर हालात और वायरल वीडियो चीख चीख कर इस बात की गवाही दे रहे है कि प्रकाश मानसिक बीमार तो नही लगता है। किसी तीसरी जगह से चल कर दूसरी जगह ई-रिक्शा से आना, रिक्शा चालक को इत्मिनान से पैसे देना, उसके बाद पैदल आराम से चल कर उस जगह तक जाना जहा घटना अंजाम हुई, इस दरमियान रास्ते में ही आला-ए-वारदात का इंतज़ाम करना, कम से कम मानसिक बीमार तो ऐसे शांत मन से इतना कुछ नही कर सकता है।
बहरहाल, प्रकरण में शांति व्यवस्था कायम है। पुलिस और पूरा महकमा मामले की तह तक जाने की पूरी कोशिश में लगा हुआ है। देर शाम तक रेवड़ी तालाब चौकी इंचार्ज आदित्य मिश्रा के अथक विधिक प्रयास के बाद अदालत ने रिमांड स्वीकृत किया है। इलाके में चौकसी बढ़ा दिया गया है। घटना के बाद आज हुवे दुसरे दिन में सब कुछ सामाजिक रूप से सामान्य है और भविष्य में भी सामाजिक ताना बाना आपसी मुहब्बत का बना रहेगा। कोई प्रकाश मांझी हमारे बनारस की आपसी मुहब्बत को अपने फरसे से नेस्तनाबूत कर दे ऐसा नही हो सकता है।
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