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यूपी के झांसी मेडिकल कालेज में लगी आग से 10 नवजात मासूम बच्चों की हुई मौत, 37 बच्चों का किया गया रेस्क्यू, देखे मौके की दिल दहला देने वाली तस्वीरे

तारिक खान

डेस्क: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई। उनके शव निकाले जा चुके हैं। मौके पर दमकल की 6 गाड़ियो ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है मौजूद हैं। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

ये आग अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में लगी। झांसी के ज़िलाधिकारी अविनाश कुमार ने 10 नवजात की मौत की पुष्टि की है। वहीं शनिवार की तड़के यूपी के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट करके बताया है कि मृत नवजात बच्चों के परिजनों को पांच लाख रुपये और गंभीर घायलों को पचास हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

वहीं यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निंदा की है। साथ ही मृतक बच्चो के परिजनों हेतु 1 करोड़ की सहायता राशि की मांग किया है। वही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुवे इसको अपुर्निया क्षति कहा है, साथ ही सरकार की आलोचना किया है।

झांसी के चीफ़ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन महोर ने बताया है कि ये घटना ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से हुई है। उन्होंने बताया, ‘एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे और अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई जिसको बुझाने की कोशिशें की गईं। लेकिन कमरा हाइली ऑक्सिजिनेटेड रहता है तो आग तुरंत फैल गई। इसलिए हमने जितनी कोशिश की जा सकती थी बच्चों को बाहर निकाला। ज़्यादातर बच्चों को सकुशल बाहर निकाला गया है। फ़िलहाल 10 बच्चों की मौत हुई है।’

वहीं झांसी ज़िले के डीएम अविनाश कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए देर रात बताया था, ‘मौके पर मौजूद स्टाफ़ से प्राप्त प्राथमिक जानकारी के अनुसार, 10:30 से 10:45 बजे के बीच संभवत: शॉर्ट सर्किट की वजह से एनआईसीयू के अंदर की यूनिट में आग लगी। 10 बच्चों की मौत की सूचना मिली है। समय पर टीम पहुंच गई थी और कई बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है। कमिश्नर और डीआईजी की निगरानी में जांच समिति बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी।’

झाँसी में मौजूद हमारे सहयोगी राजू खान ने बताया है कि एक और चश्मदीद कृपाल सिंह राजपूत ने कहा, ‘वो बच्चे को दूध पिलाने अंदर गए थे उसी दौरान एक मैडम भागते हुए आईं और उनके पैर में आग लगी हुई थी। वो चिल्ला रही थीं। हमने करीब 20 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला और मैडमों को बच्चों को पकड़ाया। किसी बच्चे को ऑक्सीजन लगी थी और कोई गंभीर हालत में था। हमने उठाकर बच्चों को अस्पताल प्रशासन को सुरक्षित पकड़ाया ताकि जिसका भी बच्चा हो वो सुरक्षित बच जाए।’

आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है लेकिन मशीनें ज़्यादा हीट हो गई थीं। जिससे बच्चों की मौत हो गई। एक अन्य चश्मदीद ऋषभ यादव ने बताया कि यहां काफ़ी अफ़रा-तफ़री मची हुई थी, आग जब लगी तो लगभग 50 बच्चे रहे होंगे और लोग अपने बच्चों को इमरजेंसी की ओर लेकर भागे। उन्होंने बताया कि कुछ परिवारों को तो ये भी पता नहीं है कि उनके बच्चे कहां हैं, प्रशासन को इसकी जानकारी देनी चाहिए।

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