माही अंसारी
डेस्क: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। जिरीबाम जिले की एक नदी से 6 लापता लोगों के शवों के मिलने के कुछ ही घंटों बाद, राज्य में हालात बेकाबू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया। आज हम आपको बताएंगे कि इस बार मणिपुर में क्या हुआ, क्यों हुआ, और इस हिंसा के पीछे असली वजह क्या है।
मणिपुर में ये हिंसा क्यों हो रही है? असल में मामला एक पुरानी मांग को लेकर है। मैतेई समुदाय ने मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उन्हें जनजाति का दर्जा मिले। मैतेई समुदाय का कहना है कि 1949 में जब मणिपुर का भारत में विलय हुआ था, तब उन्हें जनजाति का दर्जा मिला हुआ था। मणिपुर हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को सिफारिश की थी कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी में शामिल करने पर विचार किया जाए। इसी फैसले के खिलाफ कुकी समुदाय ने प्रदर्शन शुरू कर दिए थे, और तभी से हिंसा की आग भड़की हुई है।
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