तारिक़ आज़मी
वाराणसी: शहर को झकझोर देने वाले हत्याकांड के बाद गुरुवार को हरिश्चंद्र घाट पर माहौल बेहद भावुक और गमगीन था, जब एक ही परिवार के पांच सदस्यों- राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी और तीन बच्चों की लाश को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। घाट पर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे ताकि इस दौरान कोई अप्रिय घटना न हो सके। पांच लाशों के एक साथ घाट पर पहुंचते ही माहौल और भी भावुक हो गया।
विक्की ने अपनी दादी शारदा से कहा था कि वह एक खास काम पूरा करने के बाद ही वापस जाएगा। घटना के बाद से उसका मोबाइल बंद है। पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर खोज कर रही है। जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि इस सामूहिक हत्या में कम से कम चार से पांच हत्यारे शामिल थे। पुलिस के अनुसार, घटना में पिस्टल और रिवॉल्वर दोनों का उपयोग किया गया है, जो इस वारदात की योजना में पेशेवर अंदाज का संकेत देता है। पुलिस ने घटनास्थल से फोरेंसिक सबूत भी जुटाए हैं, जिनका विश्लेषण चल रहा है।
इस बीच राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी और तीन बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, गुप्ता परिवार के 5 लोगों की हत्या कुल 15 गोलियां मारकर की गई थीं। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में राजेंद्र गुप्ता के परिवार के 4 सदस्यों- पत्नी, दो बेटे और एक बेटी को कितनी और कहां-कहां गोलियां मारी गईं। साथ ही राजेंद्र को घटनास्थल से करीब 15 किमी दूर कितनी गोली मारकर मौत की नींद सुलाया गया।
गुप्ता परिवार के 5 सदस्यों की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने है, उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र समेत उनके परिवार के चार सदस्यों को कुल 15 गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया था। जिसमें राजेंद्र को 3 गोली मारी गई थी। दो गोली उनकी दाईं कनपटी पर जबकि तीसरी गोली उनके सीने पर। वहीं, राजेंद्र के बड़े बेटे नमनेंद्र को चार गोली मारी गई थी। दो गोली सिर पर तो दो सीने पर। जबकि, राजेंद्र की पत्नी को चार गोली मारी गई थी और बेटी गौरांगी व छोटे बेटे सुबेंद्र को दो-दो गोली मारी गई थी।
पुलिस के मुताबिक, भदैनी के मकान में घुसपैठ के कोई निशान नहीं मिले हैं। माना जा रहा है कि अपराधियों ने किसी प्रकार का संघर्ष किए बिना ही वारदात को अंजाम दिया है। सबसे पहले घटना का पता तब चला जब सुबह सफाईकर्मी रीता ने घर में प्रवेश किया और दरवाजा बंद पाया। कमरे में सामान बिखरा हुआ था। पुलिस के अनुसार, मृतक राजेंद्र गुप्ता पर 1997 में अपने छोटे भाई, उसकी पत्नी और पिता की हत्या का आरोप भी लगा था, हालांकि बाद में वह बरी हो गया। इसके बावजूद, इस पुराने मामले को भी पुलिस जांच के दौरान नजरअंदाज नहीं कर रही है। इसे भी संदिग्ध दृष्टिकोण से देख रही है।
जांच के अनुसार, घटनास्थल पर 15 गोलियां चलाई गई थीं, जिसमें केवल तीन खोखे मिले हैं। पुलिस को यह भी संदेह है कि वारदात के दौरान कीमती सामान और नकदी की भी तलाश की गई थी, क्योंकि कमरों का सामान बिखरा हुआ पाया गया। भदैनी स्थित मकान में रहने वाले तीन किराएदार घटना की रात से ही गायब है। उनके मोबाइल भी बंद हैं, पुलिस के लिए ये भी मुख्य कड़ी बने हुए हैं। अब तक की जांच में पुलिस ने 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए इस खौफनाक वारदात के संदिग्धों की पहचान में महत्वपूर्ण सुराग जुटाए हैं। पुलिस का अनुमान है कि इस सामूहिक हत्या में चार से पांच लोग शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए पिस्टल और रिवॉल्वर दोनों का इस्तेमाल किया है। हत्याकांड के जड़ में पारिवारिक विवाद है, किसी बाहरी से रंजिश है या फिर कोई और वजह? अभी तक पक्के तौर पर कुछ भी सामने नहीं आया है। लेकिन राजेंद्र के भतीजों पर शक जताया जा रहा है।
पुलिस ने विक्की के साथ-साथ मकान में पिछले महीने किराए पर रहने आए तीन युवकों की तलाश शुरू कर दी है, जिनसे घटना के कुछ दिन पहले राजेंद्र गुप्ता की बहस हुई थी। इन किराएदारों के फोन बंद हैं। वे घटना के बाद से ही फरार हैं। पुलिस ने उनके कमरे की तलाशी ली है। आस-पास के लोगों से जानकारी इकट्ठा कर रही है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले में किसी भी एंगल को नजरअंदाज नहीं करेगी। हर छोटी से छोटी जानकारी पर ध्यान देकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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