तारिक आज़मी
डेस्क: जंग के माहोल में इस बात की चर्चा शांति के चिंतको को अब सता रही है कि कही रूस युक्रेन की जंग तृतीय विश्व युद्ध का रूप ने ग्रहण कर ले। इस बीच दोनों मुल्को में जंग लगातार जारी है। यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को पर जंग शुरू होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा हमला करने का दावा किया है। यह हमला रविवार को किया गया था जिसमे यूक्रेन ने कम से कम 34 ड्रोन के जरिए मॉस्को पर हमला किया। 2022 में युद्ध की शुरुआत के बाद से ये रूसी राजधानी पर किया गया सबसे बड़ा ड्रोन हमला माना जा रहा है।
कुछ अधिकारियों का ये भी कहना है कि जबसे जंग की शुरुवात हुई उसके बाद से अब रूस की सेना सबसे तेज गति से हमारी तरफ बढ़ रही है और हमले कर रही है। कुछ अमेरिकी रिपोर्ट्स की माने तो कुछ अधिकारी पॉजिटिव भी हैं, इनका मानना है कि अमेरिकन राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी जीत के बाद ये ढाई साल पुरानी जंग अपने आखिरी मोड़ में है। इन तमाम हमलों के अलावा, यूक्रेन ने शुक्रवार से शनिवार की रात रूसी शहर तुला में एक रूसी केमिकल प्लांट पर ड्रोन हमला किया। हालांकि, रूसी अधिकारियों ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है।
सिक्योरिटी सर्विस ऑफ यूक्रेन के मुताबिक, केमिकल प्लांट पर कम से कम 13 यूक्रेनी ड्रोन ने हमला किया था, जिससे विस्फोट के बाद हर तरफ़ तबाही का मंज़र था । तुरंत ही स्टाफ को प्लांट से बाहर सुरक्षित स्थान पर निकाला गया। केमिकल प्लांट पर हमले का सबसे अहम वजह बारूद बनाने वाले प्लांट को नष्ट करना था, यूक्रेन का कहना है कि इसी प्लांट में रुस गोला-बारूद बनाता है। जब प्लांट पर ये अटैक हुआ तो प्लांट से एसिड रिलीज हुआ जिसके बाद चारों तरफ नारंगी रंग का धुआं उठ रहा था। रूस ने यूक्रेन के इस हमले को आतंकवादी हमला घोषित किया है। और तुरंत ही जवाबी कार्रवाई करने की बात की है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस में अंदर घुसकर हमले करना चाहते हैं और उसके लिए लगातार अमेरिका पर भी प्रेशर डाला गया। इस पर रूस का कहना है कि अगर नाटो ने यूक्रेन को रूस के अंदर तक हमला करने की इजाजत दी तो इसका मतलब साफ होगा कि यूक्रेन जंग में नाटो भी शामिल है। नाटो में 32 सदस्य देश शामिल है, ये देश नाटो के माध्यम से राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करते हैं, इसके बाद सभी की सहमती से एक साथ फैसला लेते हैं। जिसमें USA, UK, TURKEY, SPAIN, ITALY, POLAND, FRANCE, GERMANY और CANADA जैसे 23 देश औऱ भी शामिल हैं।
इस जंग में जेलेंस्की ने कई बार अमेरिका से रूस पर लंबी दूरी वाली मिसाइल दागने की अनुमति मांगी है, लेकिन जो बाइडेन भी नाटो की लंबी दूरी वाली मिसाइलें दागने की इजाजत नहीं दे पाए हैं, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो ये युद्ध महायुद्ध में बदल जाएगा। और वो ऐसे कि अगर रूस के बड़े शहर जैसे मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, बोल्गोग्राड या कजान पर अमेरिका या नाटो देशों की मिसाइल गिरी तो जंग बड़ा रूप ले सकती है। लेकिन सबकी निगाहे अब टिकी हैं अब ट्रंप पर कि क्या वह इस जंग को रुकवायेगे या भी जंग अपने बड़े स्तर को छू जायेगी। अगर ऐसा हुआ तो फिर तीसरे विश्व युद्ध की सम्भावना से इंकार तो नही किया जा सकता है।
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