तारिक आज़मी
डेस्क: पत्रकारिता में कई तस्वीरे आँखे के आगे से ऐसी गुज़रती है जिसको देखने के बाद मन भर आता है और इन्सनियंत नाम की जो चीज़ रूहानी तौर पर मौजूद है वह शर्मसार हो जाती है। शर्मिंदगी भले ही सरकारी कर्मचारियों और उस कृत्य को करने वालो को नही आती है। मगर हम कलमकारों की इंसानियत तो शर्मसार हो जाती है। जैसे मौजूदा वायरल वीडियो जो मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अमानवीय चेहरे को जगज़ाहिर करता है उसी को देख ले।
शर्मसार अगर आप हुवे है तो थोडा इंसानियत को और शर्मसार कर ले वायरल वीडियो को देख कर कि ऐसा अमानवीय कृत्य करने के लिए उसको कहने वालो में मौके पर मौजूद महिलाए ही है। यानि खुद एक महिला होगा उस गर्भवती के दर्द का अहसास उनको नही है। शायद इंसानियत भी उनके अन्दर नही होगी कि जिस गर्भवती का सुहाग उजड़ गया उससे ही उसके सुहाग का खून जो असपताल के बेड पर लगा है को ऐसे साफ़ करवाया जा रहा है जैसे लग रहा है कि अगर थोडा नज़दीक गए तो उनको कोई पिशाच पकड़ लेगा। शायद महिला के गर्भ में पल रहा मासूम जो पैदा होने के पहले ही यतीम हो गया है, वह दुनिया के इस रुख को देख कर ईश्वर पूछ रहा होगा कि हे परम पिता किस अमानवीय दुनिया में तू मुझे भेज रहा है ?
पूरा मामला कुछ इस तरह है कि गाड़ासरई थाना क्षेत्र अंतर्गत लालपुर गांव में बीती शाम जमीनी विवाद के चलते एक पक्ष के लोगों ने धारदार हथियारों से दूसरे पक्ष पर जानलेवा हमला कर दिया था। इसमें पिता और उसके एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई थी। तो वहीं दूसरा और तीसरा बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें उपचार के लिये नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र गाड़ासरई में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान दूसरे बेटे शिवराज की मौत हो गई। जबकि तीसरे बेटे की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है, जिसका उपचार जिला चिकित्सालय में जारी है।
घायल शिवराज को उपचार के लिये जिस बेड में लिटाया गया था उसकी मौत के बाद उस बेड को उसी की गर्भवती पत्नी से साफ करवाया गया। हालांकि अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर का कहना है कि उनकी पत्नी ने अपनी मर्जी से साक्ष्य जुटाने के लिए ऐसा किया। इस मामले में पुलिस अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई लेकिन अभी उनकी कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई है। मृतक की पत्नी से बेड साफ कराने के मामले में अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर चंद्रशेखर टेकाम ने अलग दलील दी। उन्होंने कहा कि महिला ने बतौर एविडेंस कलेक्ट करने के नाम पर कपड़े में वहां बिखरे खून को समेटा। डॉक्टर ने यह भी कहा कि उनको बेड सफाई कराने जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
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