आदिल अहमद
डेस्क: मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 संदिग्ध चरमपंथियों की मौत की घटना के बाद इंफाल वेस्ट ज़िले में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई है। इस दरमियान कुकी जो काउंसिल ने अपना बयान जारी करते हुवे आरोप लगाया है कि मुठभेड़ के नाम पर सीआरपीऍफ़ ने निर्दोष कुकी युवको की हत्या कर दिया है। ताज़ी हिंसा की घटनाओं में आगजनी की घटनाए भी हुई है।
मणिपुर का कोत्रुक गांव पहली बार कथित तौर वहां हुए ड्रोन हमले के बाद सुर्खियों में आया था। इस बीच जिरीबाम पुलिस ने मंगलवार को मुठभेड़ वाली जगह से दो लोगों के शव बरामद किए हैं। पुलिस ने मृतकों की शिनाख्त 62 साल के लैशराम बरेल और 71 साल के मैबाम केशवो सिंह के रूप में की है।ये दोनों लोग मैतेई समुदाय के बताए जा रहे हैं, जो बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के एक राहत शिविर में रह रहे थे। सोमवार शाम को उस इलाके में मुठभेड़ के बाद शिविर से 10 लोग लापता होने की खबर आई थी,जिनमें ये दोनों शामिल थे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अभी राहत शिविर में रह रहे छह लोग और लापता हैं जिनकी तलाश में सुरक्षाबलों ने अभियान छेड़ रखा है।
पहाड़ी जिले फ़ेरज़ावल से सटे जिरीबाम के जकुराधोर और बोरोबेकरा क्षेत्रों में मुठभेड़ के बाद से स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। जबकि ज़िला प्रशासन ने समूचे जिरीबाम में कर्फ्यू लगा दिया है। जिरीबाम में रहने वाले एक कुकी नेता ने कहा,’मृतकों के परिवार वालों को अभी तक शव सौंपे नहीं गए है। प्रशासन ने सभी 10 शवों को पोस्टमॉर्टम करने के लिए सिलचर स्थित मेडिकल कॉलेज भेजा है।हमारे लोगों में इस घटना को लेकर भारी नाराज़गी है। मरने वाले युवक उग्रवादी नहीं थे बल्कि अपने समुदाय की सुरक्षा के लिए विलेज वॉलंटियर के तौर पर काम कर रहें थे। यह हमारी जनजाति के साथ अन्याय किया गया है।’
इस घटना के बाद कुकी-ज़ो जनजाति के प्रमुख संगठनों ने कुकी बहुल इलाकों में मंगलवार सुबह 5 बजे से पूर्ण बंद का एलान किया था जिसका व्यापक असर पड़ा है।उधर कुकी-ज़ो काउंसिल ने जिरिबाम में सीआरपीएफ जवानों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 युवकों को ग्राम स्वयंसेवक बताया है। इस घटना से जुड़े एक बयान में काउंसिल ने आरोप लगाया है कि पिछले 3 मई से जारी हिंसा के बाद से मुठभेड़ की ऐसी किसी भी घटना में इतनी तादाद में लोग नहीं मरे है। ये पूरी योजना के साथ निर्दोष कुकी युवको पर किया गया हमला है। यह घटना इस क्षेत्र से असम राइफल्स को हटाकर उनकी जगह सीआरपीएफ को तैनात करने के एक छिपे हुए मकसद के तहत की गई घटना है।
कुकी जनजाति के प्रभावी छात्र संगठन कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने एक नोटिस जारी कर सीआरपीएफ को चेतावनी दी है। इस नोटिस में सीआरपीएफ जवानों को उनके कैंप परिसर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी है। इस नोटिस में यह भी लिखा हुआ है कि यदि कोई सीआरपीएफ जवान इस नोटिस का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसे ऐसा अपने जोखिम और जिम्मेदारी पर करना होगा। इस मुठभेड़ बाद से मैतेई-कुकी बहुल ज़िलों की सीमा पर स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। इसके अलावा कई जगहों पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए है और संवेदनशील स्थानों पर लगातार पेट्रोलिंग की जा रही हैं।
तारिक आज़मी डेस्क: हरिद्वार में हर की पौढ़ी पर राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित एक…
ईदुल अमीन डेस्क: चेन्नई में एक ऑटो ड्राइवर ने सब्जी बेचने वाली महिला की हत्या…
आदिल अहमद डेस्क: आगरा में एसटीएफ यूनिट ने मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार…
निलोफर बानो डेस्क: 'बुलडोज़र एक्शन' के चलन पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बुधवार को…
मो0 कुमेल डेस्क: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवार्दी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव…
ईदुल अमीन डेस्क: झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार करने पहुंचे अभिनेता से नेता…