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अमेरिकी कांग्रेस चुनाव में दो मुस्लिम महिला प्रत्याशियों रशीदा तलीब और इलहान उमर ने दर्ज किया जीत

तारिक खान

डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव डेमोक्रेटिक कांग्रेस उम्मीदवार कमला हैरिस चुनाव हार गई है। मगर पार्टी की दो मुस्लिम महिला उम्मीदवार रशीदा तलीब और इल्हान उमर ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए फिर से चुनाव जीत लिया है। अल ज़जीरा की खबर के मुताबिक, रशीदा तलीब और इल्हान उमर अमेरिकी कांग्रेस में सेवा देने वाली पहली दो मुस्लिम महिलाएं हैं, जिन्होंने चुनाव में दोबारा जीत हासिल की है।

मंगलवार (5 नवंबर) को रशीदा तलीब, जो अमेरिकी कांग्रेस में फिलिस्तीनी मूल की पहली महिला भी हैं, को डियरबॉर्न में बड़े अरब-अमेरिकी समुदाय के समर्थन से मिशिगन के प्रतिनिधि के रूप में चौथे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया है। वहीं, उमर जो एक पूर्व शरणार्थी और सोमालिया में जन्मीं अमेरिकी नागरिक हैं, ने मिनेसोटा में तीसरी बार जीत दर्ज की। यहां वे मज़बूत डेमोक्रेटिक 5वें जिले का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसमें मिनियापोलिस और कई उपनगर शामिल हैं।

ज्ञात हो कि गाजा पर युद्ध में इज़रायल को अमेरिकी सैन्य समर्थन की एक प्रमुख आलोचक रशीदा तलीब ने अपने चुनाव में निर्विरोध हिस्सा लिया और डियरबॉर्न और डेट्रायट में मज़बूत डेमोक्रेटिक जिले का प्रतिनिधित्व करने के लिए रिपब्लिकन जेम्स हूपर को हराया। गौरतलब है कि उमर भी गाजा पर इजरायल के हमले की भी तीखी आलोचक हैं।

सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में उमर ने अपने समर्थकों को उनके चुनाव अभियान में उनकी कड़ी मेहनत के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘हमारी कड़ी मेहनत सार्थक रही। हमने 117,716 दरवाज़े खटखटाए। हमने 108,226 कॉल किए और हमने 147,323 टेक्स्ट भेजे। यह हम सभी के लिए एक जीत है जो मानते हैं कि एक बेहतर भविष्य संभव है। मैं अगले दो सालों में आप सभी को गौरवान्वित करने के लिए इंतजार नहीं कर पा रही हूं।’

गौरतलब है कि तलीब और उमर दोनों सांसदों के अनौपचारिक समूह की सदस्य हैं, जिन्हें ‘द स्क्वाड’ के नाम से जाना जाता है। ये एलेक्जेंड्रा ओकासियो-कोर्टेज़ सहित कांग्रेस के प्रगतिशील सदस्यों से बना है। ‘स्क्वाड’ के अन्य सदस्य न्यूयॉर्क के जमाल बोमन और मिसौरी के कोरी बुश दोनों विरोधियों के खिलाफ अपनी पार्टी प्राइमरी हार गए। इनके प्रतिद्वंदियों ने इजरायल समर्थक धन उगाहने वाले समूह अमेरिकन इज़रायल पब्लिक अफेयर्स कमेटी (एआईपीएसी) से पर्याप्त समर्थन हासिल किया था। ज्ञात हो कि अमेरिकी कांग्रेस में फ़िलिस्तीन समर्थक आवाज़ों को शांत करने के लिए इस समूह ने इस साल अमेरिकी राजनीति में 100 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है।

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