तारिक खान
डेस्क: कभी कभी ऐसे कारनामे भी सामने आ जाते है जिसको जानने के बाद अपनी आँखों पर विश्वास ही नही होता है। ऐसा ही एक कारनामा मध्य प्रदेश के इंदौर पे नवजवानों के प्रदर्शन का कारण बन गया है। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की वन और जेल भर्ती परीक्षा 2023 के नतीजों को लेकर सोमवार (16 दिसंबर) को इंदौर में नौकरी के इच्छुक नौजवानों ने विरोध प्रदर्शन किया।
यह परीक्षा वन रक्षक, फील्ड गार्ड (एक्जीक्यूटिव) और जेल प्रहरी (एक्जीक्यूटिव) पदों के लिए आयोजित की गई थी। बोर्ड ने 13 दिसंबर को परिणाम घोषित किए और कहा कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल परीक्षा के अलग–अलग सत्रों में कठिनाई के स्तर को बराबरी पर लाने के लिए किया गया था। इस प्रक्रिया के कारण कभी–कभी उम्मीदवारों के अंक कुल अंकों (100) से अधिक या शून्य से कम भी हो सकते हैं।
हालांकि, बोर्ड के इस स्पष्टीकरण से उम्मीदवार संतुष्ट नहीं हुए। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गोपाल प्रजापत ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘यह राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी उम्मीदवार को कुल अंकों से भी ज्यादा अंक मिले हैं। हम इस नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ विरोध कर रहे हैं और निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।’
उन्होंने वन रक्षक, फील्ड गार्ड (एक्जीक्यूटिव) और जेल प्रहरी (एक्जीक्यूटिव) पदों की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए। प्रजापत ने चेतावनी दी कि यदि मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थी बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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