तारिक खान
डेस्क: चीन ने 25 दिसंबर को भारतीय सीमा के पास ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया के सबसे बड़े डैम प्रोजेक्ट को बनाने की मंजूरी दे दी। यह हाइड्रो पावर परियोजना ‘यारलंग जांगबो’ नदी के निचले हिस्से में शुरू होगी। चीन से आई इस खबर के बाद से भारत और बांग्लादेश में सीमा विवाद बढ़ने की स्थिति पैदा हो सकती है। कारण, ब्रह्मपुत्र नदी इन दोनों देशों की सीमाओं से होकर गुजरती है।
चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे डैम प्रोजेक्ट को लेकर उठ रही चिंताओं पर अपना पक्ष रखा है। चीन का कहना है कि इसे कई दशकों की रिसर्च के बाद सुरक्षित तरीके से तैयार किया गया है। ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहा यह दुनिया का सबसे बड़ा डैम प्रोजेक्ट है जिसके लिए चीन करीब 132 बिलियन डॉलर खर्च करेगा। इसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय जगत में चिता जताई गई है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी आशंकाओं को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि चीन ने कई दशकों तक रिसर्च किया है और प्रोजेक्ट के मद्देनजर सुरक्षा उपाय किए हैं। यह प्रोजेक्ट ऐसे हिमालयी क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जो टेक्टोनिक प्लेट सीमा पर मौजूद है। इन इलाकों में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
प्रवक्ता ने इन चिंताओं पर हुए सवाल को लेकर कहा, ‘चीन ने हमेशा ही सीमा पार गुजरने वाली नदियों के विकास की जिम्मेदारी निभाई है। परियोजना निचले इलाकों को प्रभावित नहीं करेगी।’ उन्होंने कहा कि चीन नदी के किनारे रहने वाले लोगों की चिंताओं के मद्देनजर आपदा निवारण और राहत पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को आगे बढ़ाएगा।
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