ईदुल अमीन
डेस्क: मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के दौरान दर्ज मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 42 विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किए गए थे, लेकिन 42 एसआईटी ने 3,023 दर्ज मामलों में से केवल 192 मामलो में ही आरोपपत्र दाखिल किए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, एसआईटी को छह समूहों में विभाजित किया गया- एक समूह हत्या और जघन्य अपराध के मामलों के लिए, दूसरा समूह बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के लिए और अन्य चार समूह आगजनी, लूटपाट और अन्य अपराधों से संबंधित मामलों के लिए।
42 एसआईटी हत्या के 126 मामलों, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के नौ मामलों और लूटपाट, आगजनी तथा अन्य संपत्ति अपराधों के 2,888 मामलों की जांच कर रही हैं। राज्य में जातीय हिंसा मई 2023 में शुरू हुई थी और तब से जारी है- इसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं, हजारों लोग विस्थापित हुए और राज्य जातीय आधार पर तेजी से विभाजित हो गया।
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