आदिल अहमद
डेस्क: संसद के शीतकालीन सत्र में संविधान के मुद्दे पर लोकसभा में चली चर्चा के बाद सोमवार को इस पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हुई है। इसकी शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है। निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी पर अपने शासनकाल में संविधान के दुरुपयोग का आरोप लगाया। इस चर्चा के दौरान निर्मला सीतारमण और कांग्रेस के नेताओं के बीच बहस भी हुई।
निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में आपातकाल और संविधान के 42वें संशोधन का ज़िक्र किया। उन्होंने आपातकाल के दौरान विपक्षी सांसदों की गिरफ़्तारी की चर्चा भी की और कहा कि इंदिरा सरकार ने संविधान को संशोधित कर, इसके मूल स्वरूप से काफ़ी बदल दिया। वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष को जेल में भरकर इंदिरा सरकार ने संविधान की प्रस्तावना को संशोधित कर दिया था और कोई इसका विरोध करने वाला नहीं था।
निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के नाम का ज़िक्र किया और उन पर कहीं की बात का कहीं और संदर्भ देने का आरोप लगाया। इस पर जयराम रमेश ने कहा कि 42वें संविधान संशोधन के कुछ हिस्सों को हटाने के लिए ख़ुद इंदिरा गांधी ने साल 1978 के 44 वें संविधान संशोधन का समर्थन किया था। इस बहस में बीजेपी सांसद और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हो गए।
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