आदिल अहमद
डेस्क: सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार (18 दिसंबर) को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव से मुलाक़ात की। यह मुलाकात करीब तीस मिनट की थी, हालांकि इसकी विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है। मगर मिल रही जानकारी के अनुसार जस्टिस शेखर यादव से काल्लेजियम ने कहा है कि विवादित टिप्पणी से बचा जा सकता था।
जस्टिस यादव ने 8 दिसंबर को विहिप के कार्यक्रम में कहा था कि भारत केवल ‘बहुसंख्यक समुदाय’ की इच्छानुसार चलेगा। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए ‘कठमुल्ला’ जैसे आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करते हुए सांप्रदायिक भाषण दिया था। यादव ने यह भी कहा था कि मुस्लिम बच्चे हिंसा और पशु वध देखते हुए बड़े होते हैं, इसलिए उनमें सहिष्णुता और उदारता नहीं होती।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर को इस मामले का संज्ञान लेते हुए कहा था कि यह मामला उनकी नज़र में है।’ कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउंटबिलिटी एंड रिफॉर्म्स ने इस मुद्दे पर ‘इन–हाउस जांच’ की मांग की थी। वामपंथी नेता वृंदा करात ने जस्टिस यादव के बयान को उनके शपथ का उल्लंघन बताया और कहा कि ऐसे जज से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते।
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