ईदुल अमीन
डेस्क: फ्रांसीसी मीडिया संस्थान ‘मीडियापार्ट’ ने खोजी पत्रकारों की संस्था ओसीसीआरपी पर अपनी रिपोर्ट पेश किया है। ओसीसीआरपी खोजी पत्रकारों का एक संगठन है। इससे जुड़े 24 गैर-लाभकारी खोजी पत्रकारिता केंद्र यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रिका में फैले हुए हैं। इसी संस्था ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में गौतम अडानी और उनके समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन और कई तरह की अनियमितताओं के आरोप लगाए थे।
मीडिया पोर्ट ने इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी की जमकर आलोचना भी की है। कहा है कि उसकी रिपोर्ट का इस्तेमाल बीजेपी ने अपने ‘राजनीतिक एजेंडे’ के लिए किया है। मीडियापार्ट ने ये भी कहा है कि बीजेपी फेक न्यूज फैला रही है। संस्थान के मुताबिक, ऐसा कोई तथ्य उपलब्ध नहीं है जिससे बीजेपी ‘साजिश’ वाली थ्योरी फैला रही है। दरअसल, बीजेपी ने मीडियापार्ट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि जॉर्ज सोरोस, ओसीसीआरपी और राहुल गांधी की ‘तिकड़ी’ मिलकर भारत को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं।
हालांकि, मीडियापार्ट की रिपोर्ट ओसीसीआरपी की फंडिंग को लेकर थी और इसमें भारत का जिक्र तक नहीं था। 5 दिसंबर को बीजेपी ने इस रिपोर्ट के आधार पर संसद से लेकर मीडिया के सामने राहुल गांधी और विपक्ष को निशाने पर लिया था। अब मीडियापार्ट की पब्लिशर और डायरेक्टर कैरीन फूटो ने एक बयान जारी किया है। 8 दिसंबर को कैरीन ने लिखा,
‘मीडियापार्ट भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी द्वारा ओसीसीआरपी पर छपी हमारी खोजी रिपोर्ट को हथियार बनाने की निंदा करता है। पार्टी ने इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक इस्तेमाल और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले के लिए किया है।’
इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीजेपी ने फेक न्यूज फैलाने के लिए मीडियापार्ट की रिपोर्ट का गलत इस्तेमाल किया, जो उन्होंने कभी प्रकाशित की नहीं की। कैरीन ने बयान में लिखा है, बीजेपी के द्वारा फैलाई जा रही कॉन्सपिरेसी थ्योरी को सपोर्ट करने के लिए कोई तथ्य उपलब्ध नहीं है। हम उन सभी साहसी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों का समर्थन करते हैं, जो भारत में पत्रकारिता कर रहे हैं।’
दरअसल, 2 दिसंबर को मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में ओसीसीआरपी (ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) की फंडिंग और पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि संस्था को अमेरिकी सरकार की तरफ काफी फंडिंग मिली है। और संस्था की रिपोर्ट फंड देने वालों से “काफी प्रभावित” होती है। इस रिपोर्ट में अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस का भी जिक्र है, जिससे ओसीसीआरपी को फंडिंग मिलती है। हालांकि, 2 दिसंबर को ही OCCRP ने मीडियापार्ट की तरफ से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था।
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