दुधवा में शुरू हुई बाघों की गणना,चार चरणों में होगी बाघों गणना, बाघों की संख्या में देखने को मिल सकता है इजाफा
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी: लखीमपुर जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व में एक बार फिर बाघों की गणना शुरू कर दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार इस बार बाघों की गिनती चार चरणों में की जाएगी और इसमें हर बार की तरह इस बार भी तकनीकी रूप से वर्ल्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) भी सहयोग कर रहा है। बाघों की गणना के लिए करीब 250 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। यह गणना दो फेस में की जाएगी जिसमें किशनपुर रेंज और दुधवा रेंज शामिल है और यह कैमरे एक से दो किलोमीटर के रेंज पर लगाएं गये है।
कैमरों में कैद हुई बाघों की तस्वीर पार्क प्रशासन भारतीय वन्यजीव संस्थान डब्ल्यूआईआई देहरादून को भेजेगा। दरअसल बाघों की गणना करने की प्रक्रिया जनगणना जितनी सरल नहीं होती। इसके लिए घने जंगलों के बीच बाघों की संभावित मौजूदगी वाले स्थानों में मौजूद पेड़ों पर ठीक आमने-सामने 2 ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं, कैमरे में लगा सेंसर किसी भी वन्यजीव के अपने सामने से गुजरने पर उनकी तस्वीर कैद कर लेता है, इसीलिए इसे ट्रैप कैमरा कहा जाता है। एक तय समय तक ट्रैप कैमरे में कैद की गई तस्वीरों में से बाघों की तस्वीरों को अलग किया जाता है। बाघों की धारियां मानवों के फिंगरप्रिंट जैसे यूनिक होती हैं। बाघों के शरीर पर मौजूद धारियों की तस्वीरों के आधार पर विशेषज्ञ संख्या का अनुमान लगाते हैं।
बता दें दुधवा में बाघों की गणना के लिए चिन्हित स्थानों पर ये कैमरे लगाए गए हैं सबसे पहले दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर सेंक्चुरी रेंज के कोर एरिया में बाघों की गणना शुरू की गई है। निर्धारित समय तक कैमरे लगे रहने के बाद उनमें ट्रैप हुईं तस्वीरों को कंप्यूटर में अपलोड करने के बाद यही कैमरे दूसरे चरण में बफरजोन की मैलानी रेंज में लगेंगे।
कैमरे तीसरे चरण में दुधवा और चौथे चरण में कतर्निया घाट वन्यजीव विहार में लगाए जाएंगे। बाघों की संख्या का अनुमान कैमरों से प्राप्त तस्वीरों के वैज्ञानिक विश्लेषण से किया जाएगा। पिछली गणना में दुधवा टाइगर रिजर्व में करीब 153 टाइगर थे। भारतीय वन्यजीव संस्थान बाघों की संख्या का अनुमान उनकी धारियों का मिलान करके करेगा। फिलहाल दुधवा नेशनल पार्क को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है यहां प्रतिदिन किशनपुर रेज में सैलानियों को बाघ के दीदार भी हो रहे हैं जैसे साफ तौर पर लग रहा है कहीं ना कहीं बाघों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है और बाघों की गणना के बाद स्पष्ट हो जाएगा की उनकी संख्या कितनी है।