बिहार: पटना के गायघाट उत्तर रक्षा गृह से निकल भागी लड़की ने लगाया अनैतिक कार्य करवाने का बड़ा आरोप, लापरवाह पुलिस ने उक्त पीडिता को किया उसी संस्था के हवाले

गोपाल जी/अनिल कुमार

पटना. बिहार का आपको शेल्टर होम कांड याद ही होगा। मुजफ्फरपुर आश्रय गृह कांड में पीड़ित लडकियों ने अनैतिक देह व्यापार जैसे गंभीर आरोप लगाये थे। अभी ये मामला ध्यान से उतर भी नही पाया है कि बिहार की राजधानी पटना में भी इसी की तर्ज पर यौन उत्पीड़न का नया मामला सामने आया है। इस नए मामले के सामने आने से बिहार में सियासी बवाल मच गया है।

गायघाट आश्रय गृह की एक पीड़ित लड़की का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें वह इस आश्रय गृह से लड़कियों की सप्लाई का आरोप लगा रही है। मामले को लेकर जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने कोर्ट जाने की चेतावनी दी है। इसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। पुलिस ने आरोप लगाने वाली लड़की को उसी संस्था के हवाले कर दिया है जिसके ऊपर वह आरोप लगा रही है।

मिल रही जानकारी के अनुसार पटना गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह से निकल भागी एक लड़की ने आश्रय गृह की अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि यहां रह रही लड़कियों को नशे का इंजेक्शन देकर अनैतिक कार्यों में धकेला जाता है। जो लड़की इसमें साथ नहीं देती उसे प्रताड़ित किया जाता है और खाना तक नहीं दिया जाता। इस लड़की को लेकर एक संस्था के कुछ लोग पुलिस थाने पहुंचे। PNN24 न्यूज़ इस वायरल होते वीडियो के सत्यता की पुष्टि नही करता है। मामले में  पटना के महिला थाना में लड़की ने शिकायत की है, वही पुलिस की माने तो मामले में अभी कोई केस दर्ज नही हुआ है।

वायरल होते वीडियो में लड़की कह रही है कि रक्षागृह की अधीक्षिका लड़कियों को बाहर भेजती हैं। उनसे अनैतिक कार्य कराया जाता है। रिमांड होम में रहने वाली लड़कियों का शारीरिक-मानसिक शोषण किया जाता है, उन्हें बाहर लोगों के पास भेजा जाता है और बाहर के लोग अंदर आते हैं। लड़की यह भी कहती है कि उसने तंग आकर खुदकुशी का प्रयास किया था। वह इन लोगों के खिलाफ लड़ना चाहती थी, लेकिन उसे किसी का साथ नहीं मिला। उसने बताया कि आश्रय गृह में कई बाहरी लोग आकर लड़कियों को ले जाते थे।

वायरल वीडियो में लड़की आरोप लगा रही है कि उत्तर रक्षा गृह में एक बांग्लादेशी महिला को मरने के लिए मजबूर कर दिया गया। कई बार फर्जी परिजन बनाकर पैसे लेकर महिलाओं और लड़कियों को भेज दिया जाता है। इस मामले में समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आगे कुछ कहा जाएगा। इन सबके बीच सबसे बड़ी लापरवाही ये सामने आई है कि इस प्रकरण में आरोप लगाने वाली लड़की को पुलिस ने बालिका गृह भेजने के बजाय उक्त संस्था के ही हवाले कर दिया है। लड़की के आरोपों पर अधीक्षिका ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब इस मामले में भी सियासत गर्म हो गई है। लोग पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठा रहे है।

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