कर्णाटक: हिजाब पर बढ़ रहा है विवाद, अदालत में सुनवाई से पहले भगवा स्कार्फ डाले छात्रो और हिजाब पहने हुई छात्राओं ने किया प्रदर्शन
तारिक़ खान
डेस्क। कर्णाटक में हिजाब को लेकर विवाद थमने का नाम ही नही ले रहा है। एक तरफ जहा हिजाब पर प्रतिबन्ध के खिलाफ छात्राओं में आक्रोश है वही हिंदूवादी संगठन इस प्रतिबन्ध को जारी रखने के लिए भगवा स्कार्फ पहन कर अपना प्रदर्शन कर रहा है। आज इस मामले में होने वाली सुनवाई के पहले कर्णाटक के उडुपी जिले में हालात और भी बिगड़ते हुवे दिखाई दिए जब हिजाब पहन कर प्रदर्शन कर रही छात्राओं के विरोध में भगवा स्कार्फ डाले छात्र आ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। दोनों तरफ से हुवे इस प्रदर्शन से मामला और भी गर्म हो गया है। वही सीएम ने शांति बनाये रखने की अपील किया है।
कर्णाटक के सीएम बसवराज बोम्मई का बयान इस प्रकरण में आया है, उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सीएम ने कहा है कि मामला आज हाई कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसका इंतजार करें और बच्चों को पढ़ने दिया जाए। इससे पहले भी सीएम ने शांति बनाए रखने की अपील की थी। हालांकि, उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट का फैसला आने तक नए यूनिफार्म लॉ का पालन सख्ती से करवाया जाए।
इससे पहले कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा था कि समान वर्दी संहिता का पालन न करने वाली छात्राओं को अन्य विकल्प तलाशने की छूट है। नागेश ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा था, ‘‘जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसा ही यहां (शैक्षणिक संस्थानों में) भी किया जाता है। उन लोगों के लिए विकल्प खुले हैं जो इसका पालन नहीं करना चाहते।’’ मंत्री ने छात्रों से राजनीतिक दलों के हाथों का ‘‘हथियार’’ न बनने की अपील की।
वही इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो छात्रों को गुमराह कर रहे हैं और राजनीतिक दल 2023 के चुनाव का फायदा उठा रहे हैं। सरकार इसे रोक सकती है। इस तरह के मुद्दे देश को बांटते हैं। बताते चले कि कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद मामले में आज हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। यह सुनवाई पांच लड़कियों की ओर से दायर की गई याचिका पर होने जा रही है।
दरअसल, इन छात्राओं की ओर से नए यूनिफार्म लॉ का विरोध करते हुए याचिका दायर की गई थी। अब नए नियम के तहत कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दअरसल, उडुपी में एक जनवरी को सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में छह मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया। ये सभी छात्राएं हिजाब पहने हुई थीं। कॉलेज प्रबंधन ने प्रतिबंध लगाने के पीछे नए यूनिफार्म लॉ का हवाला दिया। यह मुद्दा अब उडुपी के अन्य सरकारी कॉलेजों में भी फैल चुका है। कुंदापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को भी हिजाब पहनकर कक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया गया। इसके बाद से कई छात्राएं हिजाब पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध कर रही हैं।
इसके पहले कर्नाटक में PES कॉलेज में उस वक्त सांप्रदायिक रंग घुलता नजर आया, जब एक मुस्लिम लड़की कॉलेज पहुंची तो भगवा गमछा पहने कुछ स्टूडेंट्स उसे घेरकर जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। इसका विरोध करते हुए उस लड़की ने भी अल्लाह हु अकबर के नारे लगाए। उधर, उडुपी में मंगलवार सुबह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके जवाब में भगवा गमछा पहने छात्र उनके सामने आ गए। दोनों तरफ से जबर्दस्त नारेबाजी हुई। इसके बाद कॉलेज के प्रोफेसर्स ने मामला संभाला।
लड़कियों के हिजाब पहनने के जवाब में कुछ हिंदू संगठनों ने लड़कों को कॉलेज कैंपस में भगवा शॉल पहनने को कहा था। वहीं, हुबली में श्रीराम सेना ने कहा था कि जो लोग बुर्का या हिजाब की मांग कर रहे हैं, वे पाकिस्तान जा सकते हैं। ये सवाल भी उठाया गया था कि हिजाब पहनकर क्या भारत को पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाने की कोशिश की जा रही है?
विवाद बढ़ता देखकर कर्नाटक के विजयपुरा के दो कॉलेज शांतेश्वरा पीयू और जीआरबी कॉलेज में दो दिन की छुट्टी कर दी गई है, जबकि उडुपी के कॉलेज में हिजाब के साथ छात्राओं को आने की इजाजत दे दी गई थी। दूसरी तरफ कुंडापुरा के सरकारी पीयू कॉलेज ने कैम्पस में सोमवार को मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर आने की अनुमति तो दी, लेकिन यह नियम भी लागू किया कि वे अलग क्लास में बैठेंगीं। ये छात्राएं कॉलेज गेट के बाहर रोज कॉलेज शुरू होने से लेकर खत्म होने तक प्रदर्शन कर रही थीं।