ABG शिपयार्ड बैंक घोटाला प्रकरण: कांग्रेस हुई केंद्र सरकार पर हमलावर, बोली मोदी मॉडल है, लूटो, भगाओ
तारिक़ खान
ABG शिपयार्ड पर देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाले का आरोप लगा है। ABG शिपयार्ड भारत में सबसे बड़ी निजी जहाज निर्माण कंपनियों में से एक है जिसमें 20 टन वजन तक के जहाजों का निर्माण करने की क्षमता है। एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड विविध व्यावसायिक हितों वाली कंपनियों के एबीजी समूह का एक हिस्सा है। 1985 में स्थापित, इसका मुख्यालय मुंबई में है। गुजरात में सूरत और दहेज में इसका जहाज निर्माण कार्य है।
अक्टूबर 2010 में वेस्टर्न इंडिया शिपयार्ड लिमिटेड के अधिग्रहण के बाद, यह गोवा में एक जहाज मरम्मत इकाई संचालित करता है जो भारत में सबसे बड़ी जहाज रखरखाव सुविधा है। गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि एबीजी पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ को कथित रूप से धोखा देने का आरोप है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 8 नवंबर, 2019 को पहली बार शिकायत दर्ज कराई थी। इसपर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कंपनी से जवाब मांगा था। इसके लगभग पांच महीने बाद कंपनी ने नए सिरे से शिकायत दर्ज कराई थी। 18 महीने की जांच के बाद सीबीआई ने सात फरवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी।
सीबीआई ने एफआईआर में तत्कालीन कार्यकारी निदेशक शंथनम मुथुस्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी शामिल किये हैं। इन पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और पद के दुरुपयोग की धारा में मामला दर्ज किया है। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार घोटाला करने वाली दो प्रमुख कंपनियों के नाम एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं। दोनों कंपनियां एक ही समूह की हैं। कंपनियों पर आरोप है कि घोटाले किए गए पैसे को विदेश में भेजकर अरबों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी गईं। 18 जनवरी 2019 को अर्नस्ट एंड यंग एलपी द्वारा दाखिल अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट की जांच में सामने आया है कि कंपनी ने गैरकानूनी गतिविधियों के जरिये बैंक से कर्ज में हेरफेर किया और रकम ठिकाने लगा दी।
कंपनी व उसके निदेशकों पर एसबीआई के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के समूह से 22,842 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है। इस घोटाले को देश में बैंकिंग इतिहास तक का सबसे बड़ा घोटाला इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है। अब इस मामले में विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है। कांग्रेस ने इसको मोदी मॉडल करार देते हुवे कहा है लूटो उअर भगाओ की ये मोदी निति है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी मॉडल- लूटो और भगाओ! तीन तथ्य देश के सामने हैं। मोदी सरकार के 7 साल में 5,35,0000 करोड़ के बैंक फ्रॉड हुए। 8,17,000 करोड़ देश की जनता के बैंकों ने बट्टे खाते में डुबाये। 21,00,000 करोड़ बैंकों के NPA में इजाफा हुआ। लूटो भगाओ बैंक लूटवाओ।