डायबटीज़ की किफायती दवा बनाने के लिए शोध हेतु BHU आयुर्वेद संकाय के डॉ0 नज़र हुसैन को भारत सरकार ने दिया अनुदान

ए जावेद

वाराणसी। डायबटीज़ की महँगी दवाओं से जल्द ही आपको मिल सकता है निजात। BHU के आयुर्वेद संकाय स्थित भैषज्य रसायन विभाग अब किफायती दवाओं को बनाने के ओर अग्रसर है। इस मामले में शोध करने के लिए विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 नजर हुसैन को भारत सरकार द्वारा अनुदान भी मिल गया है। अब डॉ हुसैन के नेतृत्व में एक टीम कोविड संक्रमण के विरुद्ध गतिविधियों के परीक्षण के लिए पॉलिफेनल्स को कार्बोहाड्रेट्स के साथ मिलाने की संभावना पर रिसर्च करेंगे।

एक उम्मीद जगी है कि अगर इस रिसर्च में कामयाबी मिली तो डायबटीज़ में लाभ देने वाली दवाएं और सस्ती हो सकेंगी। बताते चले कि डायबटीज़ एक ऐसी बीमारी है, जिससे लगभग सभी वर्गों के लोग परेशान रहते हैं। समय से इलाज शुरू कर देने से इस पर बहुत हद तक नियंत्रण भी पाया जा सकता है। डॉ0 नजर हुसैन भी इसकी दवाओं पर ही शोध कार्य करेंगे। बताया कि वह नए तरीकों से मधुमेह के उपचार के लिए किफायती दवा पर शोध करेंगे।

यह अध्ययन मुख्य रूप से व्यवसायिक रूप से उपलब्ध सी-ग्लाइकोसाइड्स संश्लेषण के बारे में है। सी-ग्लाइकोसाइड्स कार्बोहाइड्रेट्स के वो डेरिवेटिव्स हैं जिनका मधुमेह के उपचार में व्यापक स्तर पर प्रयोग होता है। इस अध्ययन के लिए 40 लाख रुपये से अधिक की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।

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