कानपुर की वह तीन सीट जो भाजपा के खाते में नही जा सकी
आदिल अहमद
कानपुर: नगर की 10 विधानसभा सीटों में तीन सीट पर सपा ने शानदार जीत हासिल किया है। ये तीनो सीट मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र की है जिसमे एक सीट पर दो बार से भाजपा काबिज़ रही है। मगर इस बार इस चक्र को सपा ने तोड़ दिया है। वही सोलंकी परिवार ने अपनी परम्परागत सीट बरक़रार रखा है।
इन तीन सीट में दो सीट ऐसी थी जिसमे दो दो मुस्लिम प्रत्याशी होने के बाद भी मुस्लिम समाज का वोट जिताऊ प्रत्याशी को गया और वह सीट जीत गए। ये तीन सीट सीसामऊ और कैंट और आर्यनगर सीट थी। जिसमे से सीसा मऊ और कैंट से दो दो मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे थे।
सीसामऊ, कैंट और आर्य नगर में भी समाजवादी पार्टी को मुस्लिमों का इकतरफा वोट मिला। इन तीनों सीटों पर मुस्लिम मतदाता करीब एक लाख हैं। सीसामऊ सीट पर लड़ाई कांटे की नजर आ रही थी। यहां पर तीन बार के सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी चौथी बार चुनाव लड़ रहे थे। कांग्रेस ने यहां पर हाजी सुहेल अहमद को चुनाव मैदान में उतारा लेकिन मुस्लिमों ने भरोसा इरफान पर ही जताया और पूरा वोट सपा को मिला।
इसी तरह कैंट सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक सोहिल अख्तर अंसारी चुनाव मैदान में थे लेकिन यहां पर मुस्लिम वोटरों ने जिताऊ उम्मीदवार सपा के प्रत्याशी मोहम्मद हसन रूमी को माना और अधिकांश वोट सपा को ट्रांसफर किया। वह भी तब जब कांग्रेस प्रत्याशी सोहिल अख्तर अंसारी का इस सीट पर उनकी अंसारी बिरादरी का वोट सबसे ज्यादा था, उसने भी मोहम्मद हसन रूमी को वोट दिया। यह सीट पिछले विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन की वजह से कांग्रेस के खाते में चली गई थी।
इस बार सपा ने जीत दर्ज की। आर्य नगर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिमों के पास सपा और कांग्रेस प्रत्याशियों में किसी एक को चुनना था। यहां पर कांग्रेस से प्रमोद जायसवाल लड़ रहे थे तो सपा से मौजूदा विधायक अमिताभ बाजपेई चुनाव मैदान में थे। मुस्लिमों ने यहां पूरा वोट अमिताभ बाजपेई के खाते में शिफ्ट कर दिया। यही वजह थी कि मतगणना में सुबह से दोपहर तक जहां भाजपा के सुरेश अवस्थी सपा के अमिताभ बाजपेई से आगे चल रहे थे, वहीं दोपहर बाद जब मुस्लिम बहुल इलाकों के बूथों के वोट गिने जाने लगे तो अमिताभ बाजपेई बढ़त लेने लगे और करीब आठ हजार वोट से जीत गए।